नई दिल्ली: दुनिया की 5वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था से अब भारत वर्ल्ड की चौथी सबसे बड़ी इकोनॉमी (Economy) बनने के लिए तैयार है. ये दावा G-20 के शेरपा और नीति आयोग के पूर्व CEO अमिताभ कांत ने किया है. अमिताभ कांत के मुताबिक अगले साल भारत जापान को पीछे छोड़कर 5वें से चौथे नंबर पर आ जाएगा. फिलहाल भारत की GDP का आकार अमेरिका, चीन, जर्मनी और जापान के बाद 5वें स्थान पर है. साल 2022 में भारत की इकोनॉमी ब्रिटेन से आगे निकलकर दुनिया की टॉप-5 अर्थव्यवस्थाओं में शुमार हो गई थी. जबकि करीब एक दशक पहले तक भारतीय GDP दुनिया में 11वीं सबसे बड़ी थी. फिलहाल भारत की जीडीपी करीब 3.7 ट्रिलियन डॉलर होने का अनुमान है.
अमिताभ कांत के मुताबिक 2013 में फ्रैजाइल 5 से 2024 में दुनिया की टॉप-5 अर्थव्यवस्थाओं में शामिल होने तक भारत की यात्रा शानदार रही है. उन्होंने कहा कि अप्रैल में रिकॉर्ड GST कलेक्शन, पिछली तीन तिमाहियों में 8 फीसदी से ज्यादा की विकास दर, भारतीय मुद्रा रुपये में 27 देशों से व्यापार किया जाना, महंगाई को काबू में रखना भारतीय इकॉनमी की मुख्य उलब्धियां हैं. फ्रैजाइल 5 को 2013 में मॉर्गन स्टेनली के एनालिस्ट ने इस्तेमाल किया था. ये भारत समेत पांच उभरते देशों के ग्रुप के लिए इस्तेमाल किया गया था जिनकी अर्थव्यवस्था उस दौरान अच्छा प्रदर्शन नहीं कर रही थी. फ्रैजाइल 5 में भारत के अलावा बाकी चार देश ब्राज़ील, इंडोनेशिया, दक्षिण अफ़्रीका और तुर्की थे.
स्टील, सीमेंट और ऑटोमोबाइल मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में भारत की डबल डिजिट ग्रोथ जारी है, डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर में भारत ग्लोबल लीडर बनकर उभरा है और अब ई-लेन-देन बढ़कर 134 अरब हो गए हैं जो सभी वैश्विक डिजिटल भुगतानों के 46 परसेंट के बराबर हैं. जन धन, आधार और मोबाइल ट्रिनिटी के तहत खोले गए खातों में 2.32 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा रकम जमा है. 2013-14 और 2022-23 के बीच औसत महंगाई दर 5 फीसदी रही है जो 2003-04 और 2013-14 के बीच 8.2 परसेंट के औसत पर थी. अब भी भारत की विकास दर को लेकर जिस तरह के पुख्ता अनुमान जताए जा रहे हैं वो भी भारत की भविष्य में जारी रहने वाली शानदार ग्रोथ का मजबूत संकेत हैं. इसके अलावा भू-राजनीतिक चुनौतियों से पैदा हुए सप्लाई चेन संकट और क्रूड के दाम में आई तेजी के बावजूद भारत में महंगाई दर को कंट्रोल में रखा गया है.
इसके साथ ही सरकार के स्तर पर राजनीतिक स्थिरता और RBI की दमदार मॉनेटरी पॉलिसी ने भारत को तेज ग्रोथ करने में मदद की है. 2023-24 की अक्टूबर-दिसंबर तिमाही के दौरान भारत की विकास दर में 8.4 फीसदी की तेज ग्रोथ दर्ज की गई जिसकी वजह से देश सबसे तेजी से बढ़ती प्रमुख अर्थव्यवस्था बना रहा और ये आगे भी अपनी विकास की रफ्तार को इसी तरह जारी रखने के लिए तैयार है. IMF के ग्लोबल इकोनॉमिक आउटलुक के मुताबिक भारत 2024 में प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं में सबसे तेजी से बढ़ेगा, IMF ने अपने नवीनतम आउटलुक में 2024 के लिए भारत के विकास अनुमान को 6.5 फीसदी से बढ़ाकर 6.8 परसेंट कर दिया है. भारत की अर्थव्यवस्था 2022-23 में 7.2 फीसदी और 2021-22 में 8.7 परसेंट रही थी.