तंदूर बने दिल्ली समेत देश के 17 शहर, 48 के पार पहुंचा पारा, जानें कब से मिलेगी राहत

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नई दिल्ली : जून का महीना शुरू होने से पहले ही देश के कई राज्यों में तापमान 45 को पार कर गया है। कुछ जगहों पर तापमान 50 के करीब पहुंचने वाला है। देश के कई हिस्सों में भीषण लू चल रही है। लोगों के मन में सवाल है कि आखिर इस भीषण गर्मी से राहत कब मिलेगी। मौसम विभाग का कहना है कि दिल्ली, यूपी, बिहार, राजस्थान, हरियाणा इन राज्यों में 30 मई के बाद थोड़ी राहत मिलेगी। भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) के चीफ डॉ. मृत्युंजय महापात्रा ने बताया कि भीषण गर्मी और लू का सामना कर रहे दिल्ली समेत उत्तर पश्चिम भारत के इलाकों को 30 मई के बाद राहत मिल सकती है। अगले तीन दिनों तक गर्मी से राहत नहीं मिलने वाली।

मौसम विभाग का कहना है कि उत्तर पश्चिम भारत के हिस्सों में भीषण लू चल रही है और ये अगले तीन दिन जारी रह सकती है। 30 मई से इसकी तीव्रता कम होगी। वेस्टर्न डिस्टरबेंस के सक्रिय होने और अरब सागर से नमी के कारण देश के उत्तर पश्चिम और मध्य भागों में गरज के साथ बारिश होने की संभावना है। बारिश ज्यादा नहीं होगी और राहत मिले इसकी गुंजाइश कम है। जून में दिल्ली, पश्चिमी उत्तर प्रदेश, हरियाणा, पंजाब, राजस्थान समेत देश के ज्यादातर हिस्सों में तापमान सामान्य से अधिक रहने की आशंका है। यहां सामान्य से ज्यादा दिनों तक तेज लू चल सकती है। उत्तर पश्चिम भारत में जून में आमतौर पर तीन दिन लू चलती है, लेकिन इस बार दो-चार दिन ज्यादा ऐसी स्थिति हो सकती है।

सोमवार को लोगों को जानलेवा गर्मी का सामना करना पड़ा। दिल्ली-एनसीआर समेत देश के 17 स्थानों पर तापमान 48 डिग्री सेल्सियस को पार कर गया। राजस्थान का फलोदी 49.4 डिग्री सेल्सियस के साथ देश का सबसे गर्म स्थान रहा। राजस्थान में कम से कम आठ और स्थानों पर तापमान 48 डिग्री सेल्सियस से ऊपर रहा। हरियाणा के सिरसा में पारा 48.4 डिग्री, दिल्ली के मुंगेशपुर में 48.8 डिग्री, पंजाब के बठिंडा में 48.4 डिग्री, उत्तर प्रदेश के झांसी में 48.1 डिग्री और मध्य प्रदेश के निवाड़ी में 48.7 डिग्री तक पहुंच गया। यहां तक कि हिमाचल प्रदेश की पहाड़ियों में भी गर्मी का सामना करना पड़ा है। ऊना में अधिकतम तापमान 44 डिग्री सेल्सियस रहा, जबकि मंडी में अधिकतम तापमान 39.4 डिग्री दर्ज किया गया।

देश की राजधानी दिल्ली में भीषण गर्मी का प्रकोप जारी है और यहां के कई इलाकों में अधिकतम तापमान 48 डिग्री सेल्सियस को पार कर गया। मौसम कार्यालय ने कहा कि दिल्ली के लिए सोमवार को ‘रेड अलर्ट’ जारी किया गया था और अगले तीन दिनों तक ऐसा ही रहेगा। सफदरजंग वेधशाला ने तापमान 45.1 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया जो सामान्य से 4.7 डिग्री अधिक था। न्यूनतम तापमान 29.2 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। पालम वेधशाला में अधिकतम तापमान 46 डिग्री सेल्सियस रहा, जो सामान्य से पांच डिग्री अधिक है।

आईएमडी के प्रमुख मृत्युंजय महापात्र ने बताया कि पश्चिमी विक्षोभ और अरब सागर से नमी आने के कारण तीन दिनों के बाद चिलचिलाती गर्मी से कुछ राहत मिलने की उम्मीद है। उन्होंने कहा कि पश्चिमी विक्षोभ और अरब सागर से नमी आने के कारण देश के उत्तर पश्चिम और मध्य भागों में गरज के साथ वर्षा होने और पश्चिमी हिमालय क्षेत्र में बारिश होने की संभावना है, जिससे लोगों को गर्मी से राहत मिल सकती है।

आईएमडी ने जून में उत्तर पश्चिम भारत और मध्य क्षेत्र के आसपास के हिस्सों में लू वाले दिनों की संख्या अधिक रहने का पूर्वानुमान जताया है। महापात्र ने कहा कि उत्तर पश्चिम भारत में जून के महीने में आम तौर पर तीन दिन लू चलती है, लेकिन इस बार इन इलाकों में दो-चार दिन ज्यादा ऐसी स्थिति बन सकती है यानी इन इलाकों में चार से छह दिन भयंकर लू चलने का अनुमान है। उन्होंने कहा कि दक्षिणी प्रायद्वीपीय भारत के कुछ हिस्सों को छोड़कर, जून में पूरे देश में अधिकतम तापमान सामान्य से सामान्य से अधिक रहने की उम्मीद है।

दिल्ली में लगातार दूसरे दिन अधिकतम तापमान 45 डिग्री के पार रहा। अगले दो दिनों तक भी गर्मी से राहत मिलने की संभावना नहीं है। 29 मई लिए लू व भीषण गर्मी का रेड अलर्ट जारी किया गया है। हीट इंडेक्स 47 डिग्री रहा। यानी 45 डिग्री में लोगों को 47 डिग्री वाली गर्मी का अहसास हुआ। 31 मई को अरब सागर से आने वाली नमी भरी हवाएं तापमान में कमी लाएंगी, लेकिन तापमान में कमी आने के बावजूद लोगों को गर्मी से राहत नहीं मिलेगी। क्योंकि नमी की वजह से चिपचिपी गर्मी का सामना लोगों को करना होगा। जून की शुरुआत भी हल्की बारिश के साथ हो सकती है। दिल्ली के सबसे गर्म इलाकों में जाफरपुर का अधिकतम तापमान 47.2 डिग्री, मंगेशपुर का 48.8 डिग्री, नजफगढ़ का 48.6 डिग्री, नरेला का 48.4 डिग्री, पीतमपुरा का 47.6 डिग्री और पूसा का 47.2 डिग्री रहा।

सेंटर फॉर साइंस एंड एनवायरमेंट (CSE) ने देश के 6 शहरों- दिल्ली, बेंगलुरु, चेन्नै, हैदराबाद, कोलकाता और मुंबई को लेकर एक स्टडी की है। इस स्टडी में पाया है कि सिर्फ तापमान नहीं बढ़ रहा है, बल्कि हवा, जमीनी सतह का तापमान और नमी मिलकर इन शहरों को असहनीय गर्मी की तरफ धकेल रहे हैं। 41 डिग्री का हीट इंडेक्स लोगों के लिए घातक माना जाता है। CSE की एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर अनुमिता रायचौधरी के मुताबिक, इस बदलाव को देखते हुए दिन और रात के लिए हीट मैनेजमेंट प्लान बनाने की जरूरत है। जरूरी है कि लू के समय इमरजेंसी उपाय किए जाएं। इस प्रकोप को कम करने के लिए लॉन्ग टर्म प्लान बने। इसके लिए ग्रीन एरिया और वॉटरबॉडी बढ़ाने, बिल्डिंग का थर्मल कंफर्ट सुधारने, गाड़ियों से निकलने वाली गर्मी को कम करने, एसी और इंडस्ट्री पर फोकस करने की जरूरत है। जनवरी 2001 से अप्रैल 2024 के बीच स्टडी में तुलना की गई है।

मौसम विभाग के अनुसार चार दिनों में साउथ वेस्ट मॉनसून केरल में एंट्री कर लेगा। देश के ज्यादातर हिस्सों में मॉनसून सामान्य या इससे बेहतर ही रहेगा। मॉनसून कोर जोन (कृषि प्रधान राज्यों) में मॉनसून के चार महीनों जून से सितंबर तक सामान्य से अधिक बारिश होने के आसार हैं। कोर जोन में मध्य प्रदेश, राजस्थान, महाराष्ट्र, ओडिशा, छत्तीसगढ़, उत्तर प्रदेश और वेस्ट बंगाल शामिल हैं। पिछले महीने आईएमडी ने देश भर में सामान्य से अधिक बारिश का अनुमान जताया था।

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