नई दिल्ली: दिल्ली आबकारी नीति मामले में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की चिकित्सा आधार पर अंतरिम जमानत को 7 दिन बढ़ाने की याचिका को सुप्रीम कोर्ट की रजिस्ट्री ने तत्काल सूचीबद्ध करने से इनकार कर दिया।
दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी (आप) के प्रमुख अरविंद केजरीवाल ने सुप्रीम कोर्ट में एक नई याचिका दायर की थी। इसमें उन्होंने पीईटी-सीटी स्कैन समेत कुछ और मेडिकल जांच कराने के लिए अंतरिम जमानत को सात दिन और बढ़ाने की मांग की थी। सुप्रीम कोर्ट ने शराब घोटाला मामले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग जांच के सिलसिले में सीएम केजरीवाल को 1 जून तक अंतरिम जमानत दी है। उनको दो जून को सरेंडर करना है।
सीएम अरविंद केजरीवाल को शराब घोटाला मामले में ईडी ने 21 मार्च को गिरफ्तार किया था। आम आदमी पार्टी के मुताबिक, गिरफ्तार होने के बाद से उनकी तबीयत बिगड़ी है।पार्टी का कहना है कि गिरफ्तारी के बाद उनका वजन 7 किलो घट गया जिसकी वजह से उनका कीटोन लेवल काफी हाई हो गया है, जो काफी गंभीर मेडिकल डिसऑर्डर है।
दिल्ली की नई आबकारी नीति 2021/22 को बनाने और उसके क्रियान्वयन में घोटाले के आरोपों के बाद दिल्ली के उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना ने 20 जुलाई, 2022 को मामले में CBI जांच की सिफारिश की थी। जिसके बाद 17 अगस्त 2022 को CBI ने शिकायत दर्ज की थी। जिसमें तत्कालीन उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को आरोपी नंबर 1 बनाया था।
आरोप है कि आबकारी नीति के निर्माण के चरण के दौरान पूर्व उपमुख्यमंत्री सिसोदिया और अन्य अज्ञात और अनाम निजी व्यक्तियों/संस्थाओं सहित AAP नेताओं द्वारा एक आपराधिक साजिश रची गई थी और साउथ लॉबी के शराब कारोबारियों को फायदा पहुंचाया गया। बदलें में करोड़ों की रिश्वत लेकर चुनाव में खर्च किया गया।
आबकारी मामले में आम आदमी पार्टी के दो बड़े नेता संजय सिंह और मनीष सिसोदिया पहले से जेल में हैं। CBI ने 26 फरवरी 2023 को मनीष सिसोदिया और 4 अक्टूबर 2023 को ED ने संजय सिंह को लंबी पूछताछ के बाद गिरफ्तार किया था।