वास्तु के अनुसार जानें दीपक जलाने के सही तरीके और नियम

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नई दिल्ली : वास्तु शास्त्र में हर काम के लिए नियम और तरीके बताए गए हैं. यदि नियम के अनुसार कार्य किए जाएं तो शुभ फल मिलता है. दीपक जलाना भी एक ऐसा ही काम है. रोजाना दीपक जलाने के कई फायदे हैं. लेकिन ये फायदे पाने के लिए जरूरी है कि दीया जलाने का सही तरीका अपनाया जाए. चूंकि दीपक जलाने से निगेटिविटी खत्‍म होती है और सकारात्‍मकता आती है. इसलिए हमेशा पूजा-पाठ करते समय दीपक जरूर जलाया जाता है.

दीपक जलाने के नियम

दीपक जलाते समय कुछ बातों का ध्‍यान रखना जरूरी है. वरना फायदे के जगह नुकसान हो सकते हैं.

– धर्म-शास्‍त्रों में अलग-अलग देवी-देवताओं के लिए दीपक के नियम बताए गए हैं. जैसे- शनि देव के लिए सरसों के तेल का दीपक, हनुमान जी के लिए चमेली के तेल का दीपक, लक्ष्‍मी जी के लिए घी का दीपक जलाना चाहिए. इस तरह नियमानुसार अलग-अलग देवी-देवता को उनकी पसंद के अनुसार दीपक लगाएं.

– पूजा में जब भी दीया जलाएं तो उसे सीधे भगवान के सामने नहीं रखें, बल्कि भगवान की मूर्ति के दाईं या बाईं ओर रखें. पूजा में घी का दीपक जला रहे हैं, तो इसे हमेशा अपनी बाईं तरफ रखना चाहिए. वहीं तेल का दीपक अपनी दाईं ओर रखें.

– इसी तरह घी और तेल के दीपक की बाती को लेकर भी नियम बताए गए हैं. जैसे ल का दीपक जलाते समय बाती लाल रंग के धागे या कलावे से बनी होने चाहिए. वहीं, घी का दीपक जला रहे हैं तो रुई की बाती इस्‍तेमाल करें.

– दीपक जलाते समय दिशा का ध्‍यान रखना भी बेहद जरूरी है. कभी भी दीपक पश्चिम दिशा में ना जलाएं. ऐसा करना गरीबी और संकट का कारण बनता है.

– सुबह तो पूजा के समय दीपक जलाएं ही इसके अलावा रोजाना शाम के समय घर के मुख्‍य द्वार दीपक जरूर जलाएं. इससे मां लक्ष्‍मी प्रसन्‍न होकर खूब धन-दौलत देती हैं.

– घर में सुबह-शाम दीपक जलाने से घर में सुख-शांति बनी रहती है.

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