उत्तर प्रदेश में थमी मायावती के हाथी की रफ्तार, बसपा ने खो दीं चारों सीटें

0 93

लखनऊ : कभी चार तो कभी दस सांसद देने वाली बहुजन समाज पार्टी का पश्चिमी उत्तर प्रदेश से सफाया हो गया। बसपा वेस्ट यूपी की एक भी सीट नहीं जीत सकी और उसका वोट प्रतिशत सिमटकर 9.3 फीसदी रह गया। बसपा के कॉडर माने जाने वाले दलित वोटर दिगभ्रमित रहे। प्राय: हर सीट पर ही उनका बिखराव देखने को मिला।

पश्चिमी उत्तर प्रदेश के गौतमबुद्धनगर से उदित बसपा का इस प्रकार पतन होगा कोई सोच भी नहीं सकता था। मेरठ से ही बसपा ने सांसद दिए। बिजनौर और सहारनपुर बसपा प्रमुख मायावती की राजनीतिक कर्मभूमि रही। वह यहां से जीतकर मुख्यमंत्री भी बनीं। न केवल मायावती बल्कि संस्थापक कांशीराम का पश्चिमी उत्तर प्रदेश गढ़ रहा है। यहां से उन्होंने बड़ी मेहनत के बाद पार्टी को खड़ा किया। पिछले चुनाव में बसपा ने दस सीटें जीतकर विपक्ष में दूसरा स्थान हासिल किया था। इस बार वह शून्य पर आ गई। यह परिणाम बसपाइयों को भी चौंका रहा है।

लोकसभा चुनाव में बसपा की सोशल इंजीनियरिंग काफी चर्चा में रही। बसपा आमतौर पर मुसलिम प्रत्याशी उतारती रही है। इस बार सहारनपुर में माजिद अली को छोड़कर सभी जगह बागपत, बिजनौर, नगीना, कैराना, मुजफ्फरनगर, बुलंदशहर, गाजियाबाद और गौतमबुद्धनगर में उसने सर्वसमाज को टिकट दिए। चुनाव के दौरान ही बसपा ने कोऑर्डिनेटर के रूप में आकाश आनंद को जिम्मेदारी दी। एक बयान के बाद उनको हटा भी दिया।

बसपा के वोटर कुछ सीटों पर उलटफेर की स्थिति में रहे। जैसे बिजनौर की सीट पर बसपा के बिजेंद्र सिंह ने दो लाख से अधिक मत हासिल करके सपा और रालोद दोनों को परेशान किया। इस बिखराव के बीच से रालोद प्रत्याशी चंदन सिंह निकल गए। सहारनपुर में माजिद अली 1.80 लाख वोट हासिल करके भी तीसरे नंबर पर रहे, लेकिन भाजपा के राघव लखनपाल की हार हो गई। कैराना में बसपा के श्रीपाल ने 76,200 वोट हासिल करके भाजपा के प्रदीप चौधरी की राह मुश्किल कर दी। सभी दस सीटों की बात करें तो बसपा को सर्वाधिक 2.98 लाख वोट गौतमबुद्धनगर में मिले।

बसपा ने मेरठ की सीट पर त्यागी समाज के देवव्रत त्यागी को मैदान में उतारा। देवव्रत त्यागी ने 87,025 वोट लेकर पूर्व मेयर, दलित वर्ग से प्रतिनिधित्व करने वाली सपा प्रत्याशी सुनीता वर्मा की जीत रोक दी। मुश्किल मुकाबले में भाजपा के अरुण गोविल चुनाव जीत गए।

बसपा ने टिकट वितरण में ही चौका दिया था। बिजनौर से सांसद रहे कद्दावर नेता मलूक नागर और सहारनपुर से फजलुर्रहमान का बसपा ने टिकट काट दिया। नगीना से सांसद गिरीश चंद को बुलंदशहर भेज दिया। अमरोहा से सांसद दानिश अली को भी निष्कासित कर दिया। दानिश बाद में कांग्रेस में चले गए जबकि मलूक नागर ने रालोद का हाथ थाम लिया। नतीजा यह निकला कि बसपा के हाथ से चारों सीटें निकल गई।

 

नोट: अगर आपको यह खबर पसंद आई तो इसे शेयर करना न भूलें, देश-विदेश से जुड़ी ताजा अपडेट पाने के लिए कृपया Vnation के Facebook पेज को LikeTwitter पर Follow करना न भूलें...
Leave A Reply

Your email address will not be published.