जोहानिसबर्ग: दक्षिण अफ्रीका (South Africa) में दो सप्ताह पहले हुए आम चुनावों में अफ्रीकन नेशनल कांग्रेस (ANC) को 40 प्रतिशत मत हासिल हुए इसके बावजूद देश की संसद ने पांच साल के एक और कार्यकाल के लिए सिरिल रामफोसा (Cyril Ramaphosa) को राष्ट्रपति (President) चुन लिया है। इससे पहले दिन में एएनसी के थोको डिडिजा को अध्यक्ष और ‘डेमोक्रेटिक अलायंस’ (डीए) की एनेली लोट्रिएट को उपाध्यक्ष चुना गया। माना जा रहा है कि बुधवार को शपथ ग्रहण के बाद रामफोसा अपने नए मंत्रिमंडल की घोषणा करेंगे।
शुक्रवार आधी रात उन्हें राष्ट्रपति चुना गया और इसके साथ ही तमाम अटकलों पर भी विराम लग गया। इससे पहले शुक्रवार सुबह 10 बजे शुरू हुए सत्र में राष्ट्रीय एकता सरकार (जीएनयू) के गठन, बार-बार व्यवधान तथा लंबी मतदान प्रक्रिया को लेकर चर्चा हुई। एएनसी ने डीए, इंकाथा फ्रीडम पार्टी (आईएफपी) और पैट्रियटिक फ्रंट (ओएफ) के साथ गठबंधन किया है। कुछ लोगों ने इस गठबंधन का दक्षिण अफ्रीका की राजनीति में एक नए युग के रूप में स्वागत किया जो सुलह का एक मजबूत संदेश देगा और अर्थव्यवस्था को मजबूती देगा।
जनता को धोखा देने का आरोप
हालांकि, कई लोगों ने कहा कि एएनसी ने डीए के साथ गठबंधन करके देश के नागरिकों को धोखा दिया है। डीए पहले विपक्ष में था तथा उसने 1994 में नेल्सन मंडेला के नेतृत्व में एएनसी के पहली बार सत्ता में आने के बाद से ही उसकी नीतियों का विरोध किया है। एएनसी के सेक्रेटरी जनरल फिकिले मबालुला ने संसद में मतदान जारी रहने के दौरान एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘हमें 60 लाख लोगों ने वोट दिया है और जनता चाहती है कि हम लोगों के जीवन को बेहतर बनाने के लिए परिवर्तनकारी एजेंडे पर काम करना जारी रखें।’