रूसी युद्धपोतों के बाद अमेरिकी पनडुब्बी ने क्यूबा में डाला डेरा, कनाडा ने भी शुरू किया युद्धाभ्यास

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हवाना: क्यूबा में रूसी युद्धपोतों की मौजूदगी के बाद अमेरिका और कनाडा (Canada) ने भी क्षेत्र में दस्तक दे दी है। अमेरिका की ओर से क्यूबा में ग्वांतानामो नौसैनिक अड्डे पर पनडुब्बी तैनात करने की घोषणा के बाद कनाडा की नेवी का गश्ती जहाज शुक्रवार सुबह हवाना के लिए रवाना हुआ। क्यूबा में रूसी, कनाडाई और अमेरिकी जहाजों का फ्लोरिडा से सिर्फ 145 किमी (90 मील) दक्षिण में जमघट शीत युद्ध के तनाव और यूक्रेन युद्ध को लेकर रूस और पश्चिमी देशों के बीच तनावपूर्ण संबंधों को दिखा रहा है। हालांकि अमेरिका और क्यूबा दोनों ने कहा है कि रूसी युद्धपोतों से क्षेत्र को कोई खतरा नहीं है। रूस ने भी सहयोगी क्यूबा में अपने युद्धपोतों के आमद को नियमित अभ्यास बताया है।

कनाडा के मार्गरेट ब्रुक गश्ती जहाज ने हवाना बंदरगाह में प्रवेश करने के लिए शुक्रवार तड़के युद्धाभ्यास शुरू किया, जिसे कनाडाई संयुक्त संचालन कमान ने कनाडा और क्यूबा के बीच लंबे समय से चले आ रहे द्विपक्षीय संबंधों की मान्यता में बंदरगाह यात्रा कहा था। इससे पहले अमेरिकी दक्षिणी कमान ने कहा था कि फास्ट-अटैक पनडुब्बी हेलेना ग्वांतानामो खाड़ी के नियमित बंदरगाह दौरे पर पहुंची थी, जो हवाना से लगभग 850 किमी (530 मील) दक्षिण-पूर्व में द्वीप के सिरे पर एक अमेरिकी नौसैनिक अड्डा है। कमांन का कहना है कि जहाज के स्थान और पारगमन की योजना पहले से बनाई गई थी।

क्यूबा के विदेश मंत्रालय ने कहा कि उसे अमेरिकी पनडुब्बी के आगमन के बारे में सूचित किया गया था लेकिन वह इससे खुश नहीं था। उप विदेश मंत्री कार्लोस फर्नांडीज डी कोसियो ने कहा कि किसी देश में नौसेना का दौरा आम तौर पर निमंत्रण के बाद होता है। यहां ऐसा नहीं है, जाहिर तौर पर हमें हमारे क्षेत्र में पनडुब्बी की उपस्थिति पसंद नहीं है। कनाडाई राजनयिक ने मार्गरेट ब्रुक के आगमन को दोनों देशों के बीच नियमित और लंबे समय से चले आ रहे सहयोग का हिस्सा बताते हुए कहा कि इसका रूसी जहाजों की उपस्थिति से कोई संबंध नहीं है।

रूसी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता मारिया जखारोवा ने कहा कि क्यूबा में महारी उपस्थिति पर सवाल जायज नहीं है। उन्होंमने कहा कि जैसे ही अभ्यास या समुद्री यात्राओं की बात आती है, हम तुरंत सवाल सुनते हैं कि ये संदेश किस बारे में हैं। केवल हमारी सेना और नौसेना से संबंधित सिग्नल ही पश्चिम तक क्यों पहुंचते हैं। उन्होंने बताया कि रूसी युद्धपोतों के सोमवार तक हवाना बंदरगाह में बने रहने की उम्मीद है।

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