Supreme Court On GST:केंद्र,राज्यों को जीएसटी पर कानून बनाने का समान अधिकार:सुप्रीम कोर्ट
Supreme Court On GST:केंद्र सरकार और राज्यों के पास माल और सेवा कर (GST) के मामलों पर कानून बनाने के लिए समान और समन्वय शक्ति है, सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को एक लोकतांत्रिक व्यवस्था में संघीय इकाइयों की शक्तियों को रेखांकित करते हुए एक महत्वपूर्ण फैसला सुनाया।
न्यायमूर्ति धनंजय वाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली एक पीठ ने प्रासंगिक कानूनी प्रावधानों की व्याख्या करते हुए कहा कि जीएसटी परिषद की सिफारिशें केंद्र और राज्यों पर बाध्यकारी नहीं हैं, और ऐसी सिफारिशों का केवल एक प्रेरक मूल्य है।
अदालत ने कहा कि माल और सेवा कर अधिनियम, 2017 (जीएसटी अधिनियम) में ऐसे कोई प्रावधान नहीं हैं जो उन स्थितियों से निपटते हैं जहां केंद्र और राज्यों द्वारा तैयार किए गए कानूनों के बीच प्रतिकूलता है, और यह जीएसटी परिषद को सलाह देना है। जब भी ऐसे अवसर आते हैं उन्हें उपयुक्त रूप से।
अदालत ने कहा, “केंद्र और राज्य विधानसभाओं के पास जीएसटी पर कानून बनाने की शक्तियां एक साथ हैं और संविधान एक प्रतिकूल प्रावधान की परिकल्पना नहीं करता है और जीएसटी परिषद को व्यावहारिक समाधान प्राप्त करने के लिए सामंजस्यपूर्ण तरीके से काम करना चाहिए।”
(Supreme Court On GST) अदालत का फैसला गुजरात उच्च न्यायालय के 2020 के फैसले को बरकरार रखते हुए आया, जिसमें रिवर्स चार्ज के तहत समुद्री माल पर आयातकों पर एकीकृत माल और सेवा कर (IGST) लगाया गया था।
रिपोर्ट -रूपाली सिंह