नई दिल्ली: नागरिक पुलिस भर्ती पेपर लीक मामले में एसटीएफ ने 18 आरोपियों के खिलाफ न्यायालय में आरोपपत्र दाखिल किया है। करीब 200 आरोपी ऐसे हैं, जिनके खिलाफ आरोपपत्र जिलों की पुलिस दाखिल कर रही है। पुलिस आरक्षी भर्ती की लिखित परीक्षा 17 और 18 फरवरी को प्रदेश में विभिन्न केंद्रों पर कराई गई थी। प्रश्नपत्र लीक होने के बाद सरकार ने परीक्षा निरस्त कर छह महीने के भीतर नए सिरे से परीक्षा आयोजित कराने का आदेश दिया था।
उधर, एसटीएफ की मेरठ यूनिट ने कंकरखेड़ा थाना क्षेत्र में पांच मार्च 2024 को छह आरोपियों दीपक उर्फ दीप, प्रवीण, रोहित उर्फ ललित, साहिल और नवीन को गिरफ्तार किया था। 12 मार्च को जींद निवासी महेंद्र, अभिषेक शुक्ला, रोहित पांडेय और शिवम गिरी के बाद 21 मार्च को मानेसर के सतीश धनकड़ को गिरफ्तार किया गया। एसटीएफ ने खुलासा किया था कि प्रश्नपत्र रवि अत्री गैंग ने अहमदाबाद स्थित कंपनी के वेयरहाउस से लीक कराया था। एसटीएफ ने रवि अत्री के अलावा विक्रम पहल, राजीव नयन मिश्रा, डॉ शुभम मंडल को भी गिरफ्तार किया।
प्रोन्नति बोर्ड की बढ़ सकती हैं मुश्किलें
एसटीएफ की जांच आगे बढ़ने के साथ पुलिस भर्ती व प्रोन्नति बोर्ड के कुछ अधिकारियों की भी मुश्किलें बढ़ सकती हैं। उनसे परीक्षा कराने वाली अहमदाबाद की कंपनी एजूटेस्ट के चयन और प्रश्नपत्रों की सुरक्षा के हो प्रबंधों को लेकर सवाल-जवाब सकते हैं। भर्ती बोर्ड ने कंपनी को ब्लैकलिस्ट कर दिया है। कंपनी की जमानत राशि जब्त कर भुगतान रोकने की भी तैयारी है।
पेपर लीक न होने के लिए योगी सरकार ने बनाई नई नीति
बीते दिनों योगी सरकार ने भर्ती परीक्षाओं के पेपर लीक होने के मामलों को लेकर सख्त कदम उठाया। पेपर लीक होने से रोकने और धांधली खत्म करने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर नई नीति जारी कर दी गई है। इस नीति के मुताबिक परीक्षा कराने के लिए चार-चार एजेंसियों को जिम्मेदारी सौंपी गई है। परीक्षार्थियों को अपने गृह मंडल से बाहर परीक्षा देने जाना होगा। परीक्षा केंद्र बस स्टैंड रेलवे स्टेशन व कोषागार से 10 किलोमीटर के अंदर होगा। इसके साथ ही केंद्र को 3 साल परीक्षा करने का अनुभव होना चाहिए और शहर की आबादी के अंदर होना चाहिए। वहां जाने के लिए सड़क के साथ यातायात साधन की व्यवस्था हो।