खालिस्तानियों के साथ खड़े रहने वाले जस्टिन ट्रूडो को कनाडा की कोर्ट ने दिया झटका

0 101

नई दिल्ली : भारत में खालिस्तान समर्थकों के लिए कनाडा एक सुरक्षित स्थान के तौर पर देखा जाता है. पिछले कुछ दिनों से ऐसा देखना भी मिला है कि कनाडा के नेताओं ने खुले तौर पर खालिस्तानियों का समर्थन किया है. इन्हीं वजहों के चलते भारत और कनाडा के रिश्ते में दूरी बनी है. इन सभी के बावजूद कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने भारत से रिश्ते सुधारने की इच्छा जताई थी और अब कनाडा की कोर्ट ने माना है कि खालिस्तान नेताओं से प्लेन को खतरा है.

एक तरफ कनाडा की संसद खालिस्तानी आतंकी की बरसी पर उसे श्रद्धांजलि दे रही है, वहीं दूसरी तरफ कनाडा की कोर्ट ने माना है कि निज्जर के दो सहयोगी को प्लेन में नहीं चढ़ने देने का फैसला सही था. खालिस्तानी नेताओं द्वारा प्लेन को हाईजैक करने जैसी आशंका वाली रिपोर्ट के बाद कोर्ट ने ये फैसला सुनाया है.

कोर्ट ने फैसले सुनाते हुए भगत सिंह बराड़ और पर्वकर सिंह दुलाई की अपील को खारिज कर दिया. अपील में निचली अदालत के सुरक्षित हवाई यात्रा अधिनियम को चुनौती दी गई थी. कोर्ट ने अपील खारिज करते हुए कहा, हमने उन संदेहों को उचित आधार माना है जिनमें उनके हवाई यात्रा करने के दौरान प्लेन को हाईजैक या कोई अपराध करने की आशंका जताई थी. बता दें कि हवाई यात्रा बैन की सूची में खालिस्तानी अलगाववादी निज्जर भी शामिल था.

वहीं कनाडा की संसद में बुधवार को निज्जर की पहली बरसी पर श्रद्धांजलि दी गई. अब सवाल उठता है कि न्यायालय और काउंटी की संसद दो अलग-अलग भाषा में कैसे बोल सकती हैं, आखिर कनाडा के कितने चेहरे हैं.

नोट: अगर आपको यह खबर पसंद आई तो इसे शेयर करना न भूलें, देश-विदेश से जुड़ी ताजा अपडेट पाने के लिए कृपया Vnation के Facebook पेज को LikeTwitter पर Follow करना न भूलें...
Leave A Reply

Your email address will not be published.