नई दिल्ली : वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अगुवाई में जीएसटी काउंसिल की 53वें बैठक में कई बड़े फैसले लिए गए। इन फैसलों का सीधा असर आम लोगों पर पड़ने वाला है। आइए सिलसिलेवार समझते हैं कि जीएसटी काउंसिल ने क्या फैसले लिए हैं।
– वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बताया कि भारतीय रेलवे की प्लेटफॉर्म टिकट अब जीएसटी से मुक्त हैं। इसके अलावा रिटायरिंग रूम की सुविधा, वेटिंग रूम, क्लॉक रूम सेवाएं, बैटरी चालित कार सेवाओं को जीएसटी से छूट दी जा रही है। वहीं, अंतर-रेलवे आपूर्ति को भी छूट दी जा रही है।
-जीएसटी काउंसिल ने शैक्षणिक संस्थानों के बाहर हॉस्टल के रूप में दी जाने वाली सेवाओं के लिए प्रति व्यक्ति प्रति माह 20,000 रुपये की छूट दी। यह छूट छात्रों या कामकाजी वर्ग के लिए है और कम से कम 90 दिनों तक रहने पर इसका लाभ उठाया जा सकता है।
– सभी प्रकार के कार्टन बॉक्स और पेपर बोर्ड पर जीएसटी को 18 प्रतिशत से घटाकर 12 प्रतिशत करने की सिफारिश की गई। हिमाचल प्रदेश और जम्मू-कश्मीर लगातार सेब के कार्टन बॉक्स पर जीएसटी में कमी की मांग कर रहा है और इस कटौती से बागवानों और उद्योग दोनों को लागत बचाने में मदद मिलेगी।
– सोलर कुकर पर 12 प्रतिशत जीएसटी लगाने के निर्णय लिया गया है।
– जीएसटी काउंसिल ने सभी दूध के डिब्बों पर 12 प्रतिशत की एक समान दर निर्धारित करने की सिफारिश की है। इसका मतलब है कि स्टील, लोहा, एल्युमीनियम, चाहे किसी भी तरह के दूध के डिब्बे पर यह लागू होगा।
– जीएसटी काउंसिल के मुताबिक फायर वाटर स्प्रिंकलर सहित सभी प्रकार के स्प्रिंकलर पर 12 प्रतिशत जीएसटी लगेगा।
– बायोमेट्रिक आधारित आधार प्रमाणीकरण की शुरुआत की जाएगी। इससे फर्जी चालान के जरिए किए गए धोखाधड़ी वाले इनपुट टैक्स क्रेडिट दावों से निपटने में मदद मिलेगी।
-जीएसटी अपीलीय न्यायाधिकरण के लिए 20 लाख रुपये, हाईकोर्ट के लिए एक करोड़ रुपये और सर्वोच्च न्यायालय के लिए दो करोड़ रुपये की मौद्रिक सीमा तय करने की सिफारिश की है। यदि मौद्रिक सीमा, जीएसटी परिषद द्वारा तय सीमा से कम है, तो कर प्राधिकरण आमतौर पर अपील नहीं करेगा।
-काउंसिल ने यह भी सिफारिश की है कि अपीलीय प्राधिकरण के समक्ष अपील दायर करने के लिए पूर्व जमा की अधिकतम राशि सीजीएसटी और एसजीएसटी के लिए 25 करोड़ रुपये से घटाकर 20 करोड़ रुपये की जाए।
– जीएसटी काउंसिल ने उर्वरक क्षेत्र को मौजूदा पांच प्रतिशत जीएसटी से छूट देने की सिफारिश को मंत्रिसमूह के पास भेज दिया है। दरों को युक्तिसंगत बनाने के लिए गठित मंत्रिसमूह अब इस मुद्दे पर विचार करेगा।