हाथरस: जहां एक तरफ उत्तर प्रदेश पुलिस ने हाथरस में सत्संग आयोजित करने वाले ‘भोले बाबा’ की तलाश अब और भी तेज कर दी है। वहीं बाबा अब भी पुलिस को छकाता फिर रहा है। भोले बाबा के आश्रम के बाहर पुलिस की भी तैनाती है। लेकिन हादसे के बाद से ही भोले बाबा को कोई अता-पता नही है।’भोले बाबा’ की फरारी पर DSP मैनपुरी सुनील कुमार ने कहा कि “आश्रम के अंदर 40-50 सेवादार तो हैं। लेकिन वह (भोले बाबा) अंदर नहीं हैं, न तो वह कल थे और न ही आज हैं।हमें परिसर के अंदर बाबा नहीं मिले, वे यहां नहीं हैं।”
हालांकी ऐसी जानकारी है कि हादसे के बाद भोले बाबा मैनपुरी स्थित अपने आश्रम में ही पहुंचे थे। उत्तर प्रदेश पुलिस हादसे की बाद भोले बाबा की तालाश में आश्रम में सर्च ऑपरेशन भी चलाया, लेकिन बाबा वहां नहीं मिले। बाबा अब आश्रम से फरार हो चुके हैं। इधर आगरा से भोले बाबा के दो सत्संग (धार्मिक समागम) रद्द कर दिए गए हैं। इनमें से एक सत्संग आज यानी 4 से 11 जुलाई तक सैयां में तथा दूसरा आगामी 13 से 23 जुलाई तक शास्त्रीपुरम में आयोजित होना था। पुलिस उपायुक्त (पश्चिम) सोनम कुमार ने कहा, ‘‘हाथरस की घटना के बाद आगरा जिले के सैयां में भोले बाबा की ‘सत्संग सभाओं’ की अनुमति रद्द कर दी गई है। सत्संग चार जुलाई से 11 जुलाई तक आयोजित होने थे।”
हाथरस हादसे के बाद CM योगी ने दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई के आदेश दे दिए हैं। मुख्यमंत्री ने हाथरस में बीते बुधवार को प्रेस वार्ता में कहा कि सिकन्दराराऊ में मंगलवार को विश्वहरि ‘भोले बाबा’ के सत्संग के बाद मची भगदड़ में 121 लोगों की मौत के मामले की हाई कोर्ट के सेवानिवृत्त न्यायाधीश की अगुवाई में न्यायिक जांच करायी जाएगी तथा इसकी अधिसूचना आज ही जारी हो जाएगी।
CM योगी ने घटना में साजिश की तरफ इशारा करते हुए कहा, ‘‘यह हादसा था या कोई साजिश और अगर साजिश थी तो इसमें किसका हाथ है।।।इन सभी पहलुओं को जानने के लिए हम न्यायिक जांच भी कराएंगे जो उच्च न्यायालय के सेवानिवृत न्यायाधीश की अध्यक्षता में की जाएगी।” मुख्यमंत्री ने कहा कि इसमें प्रशासन और पुलिस के भी सेवानिवृत अधिकारियों को शामिल किया जाएगा ताकि इस घटना की तह में जाया जा सके और जो भी इसके लिए दोषी होगा उन्हें सजा दी जाएगी। इस पूरे घटनाक्रम के लिए सरकार ने आगरा की अपर पुलिस महानिदेशक की अध्यक्षता में विशेष जांच दल (SIT) का गठन किया है, जिसने अपनी एक प्रारंभिक रिपोर्ट दी है।
गौरतलब है कि, सिकंदराराऊ के SDM की प्रारंभिक रिपोर्ट से मिली है, जिसे जिलाधिकारी को सौंप दिया गया है। इस रिपोर्ट के अनुसार, सत्संग (धार्मिक समागम) की अनुमति देने वाले SDM भी घटना के समय कार्यक्रम स्थल पर मौजूद थे। रिपोर्ट में कहा गया, “सत्संग पंडाल में दो लाख से अधिक लोगों की भीड़ मौजूद थी। श्री नारायण साकार हरि (भोले बाबा) दोपहर करीब 12।30 बजे सत्संग पांडाल में पहुंचे और कार्यक्रम एक घंटे तक चला। इसके बाद करीब 1।40 बजे श्री नारायण साकार हरि (भोले बाबा) पंडाल से निकलकर राष्ट्रीय राजमार्ग -91 पर एटा की ओर जाने लगे।”
रिपोर्ट में यह भी कहा गया कि “जब बाबा कार्यक्रम स्थल से जा रहे थे, तो उनके अनुयायी उनके दर्शन के लिए उनकी ओर दौड़ने लगे और उनके पैरों के पास से मिट्टी भी एकत्र करने लगे। वहीं सत्संगी महिलाएं/पुरुष/बच्चे आदि बाबा के चरणों की धूल माथे पर लगाने लगे, उनके दर्शन करने लगे, उनके पैर छूने लगे और उनका आशीर्वाद लेने लगे। लेकिन स्थिति तब और खराब हो गई, जब आगे सड़क के डिवाइडर पर इंतजार कर रहे लोग उनके वाहन की ओर दौड़ने लगे।”