नई दिल्ली : एक ग्लोबल सर्वे में भारत को इंडोनेशिया और सिंगापुर के साथ दुनिया के तीन सबसे आशावादी देशों में जगह दी गई है। इस सर्वे में अलग-अलग देशों के लोगों की ओर से दिए गए इकोनॉमिक आउटलुक के आधार पर रैंक दी गई है।
आईपीएसओएस द्वारा ‘वॉट वरी द वर्ल्ड’ नाम से जारी जून महीने के सर्वे में बताया गया कि 69 प्रतिशत भारतीयों का मानना है कि देश सही दिशा में जा रहा है। वहीं, सिंगापुर और इंडोनेशिया में ये आंकड़ा क्रमश: 79 और 70 प्रतिशत का है। यह आंकड़ा वैश्विक स्तर 38 प्रतिशत है।
सर्वे में 38 प्रतिशत शहरी भारतीयों ने माना है कि महंगाई एक सबसे बड़ी चिंता है। वहीं, 35 प्रतिशत का मानना है कि बेरोजगारी एक बड़ा मुद्दा है। पिछले सर्वे के मुकाबले महंगाई और बेरोजगारी की चिंता में क्रमश: 3 और 9 प्रतिशत की कमी देखने को मिली है।
वैश्विक स्तर पर देखा जाए तो महंगाई को लेकर 33 प्रतिशत, जुर्म और हिंसा को लेकर 30 प्रतिशत, गरीबी और सामाजिक असमानता को लेकर 29 प्रतिशत, बेरोजगारी को लेकर 27 प्रतिशत और वित्तीय एवं राजनीतिक भ्रष्टाचार को लेकर 25 प्रतिशत लोग चिंतित हैं।
आईपीएसओएस ऑनलाइन पैनल सिस्टम के तहत सर्वे 24 मई, 2024 से लेकर 7 जून, 2024 के बीच किया गया है। इसमें 29 देशों के 25,520 वयस्क लोगों से जानकारी एकत्रित की गई है। ऑस्ट्रेलिया, बेल्जियम, ब्राजील, कनाडा जैसे देशों में सैंपल साइज करीब 1,000 का रहा है। जबकि, भारत, अर्जेंटीना, चिली, इंडोनेशिया और इजराइल जैसे देशों में सैंपल साइज 500 का रहा है।
आईपीएससोएस इंडिया के सीईओ अमित अदारकर ने भारतीय आउटलुक को लेकर कहा कि वैश्विक उठापटक को रोकने में सरकार ने बड़ी भूमिका निभाई है। सरकार ने महंगाई और ईंधन की कीमतों को काबू में रखा है। भारत दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया है। ब्रिक्स और जी-7 देशों में भारत का प्रभाव बढ़ता जा रहा है, जो भारतीय नागरिकों के सकारात्मक आउटलुक की वजह है।