बीते 10 साल में भारत में गरीबी अनुपात 21 प्रतिशत से गिरकर 8.5 प्रतिशत हुआ!

0 53

नई दिल्ली : भारत में गरीबी के स्तर में बड़ी गिरावट देखने को मिली है। 2023-24 में इसके 8.5 प्रतिशत रहने का अनुमान है, जो कि 2011-12 में 21 प्रतिशत थी। इकोनॉमिक थिंक टैंक एनसीएईआर की रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई है। नेशनल काउंसिल ऑफ एप्लाइड इकोनॉमिक रिसर्च (एनसीएईआर) की यह स्टडी भारत मानव विकास सर्वेक्षण (आईएचडीएस)​​ के ताजा डेटा के आधार पर जारी की गई है।

सोनाल्डे देसाई के नेतृत्व में एनसीएईआर के अर्थशास्त्रियों ने अपने अनुमान में कहा कि पिछले 10 वर्ष में ग्रामीण इलाकों में गरीबी का अनुपात गिरकर 8.6 प्रतिशत रह गया है, जो कि 2011-12 में 24.8 प्रतिशत पर था। इस दौरान शहरी इलाकों में गरीबी का अनुपात 13.4 प्रतिशत से गिरकर 8.4 प्रतिशत रह गया है। शहरों की अपेक्षा ग्रामीण इलाकों में गरीबी दर में ज्यादा गिरावट हुई है।

रिपोर्ट में कहा गया कि केंद्र और राज्य सरकारों ने सार्वजनिक विपणन प्रणाली के तहत कई स्कीम लॉन्च की है। इससे फूड सब्सिडी बढ़ी है और इसका फायदा गरीब लोगों को मिला है। ग्रामीण इलाकों में गरीबी दर में गिरावट पर एसबीआई की ओर से भी एक रिपोर्ट जारी की गई थी।

एसबीआई की रिपोर्ट में बताया गया कि 2018-19 से गरीबी अनुपात में 4.4 प्रतिशत की गिरावट हुई। महामारी के बाद से शहरी गरीबी अनुपात में 1.7 प्रतिशत की कमी आई है।रिपोर्ट में आगे कहा गया कि यह आंकड़े दिखाते हैं कि सरकार की कल्याणकारी योजनाओं का फायदा समाज के अंतिम तबके को मिल रहा है। इसका असर ग्रामीण जीवन पर भी हुआ है।

नीति आयोग के नोट में हाल ही में बताया गया था कि भारत का बहुआयामी गरीबी अनुपात 2022-23 में 11.28 प्रतिशत रह गया है, जो कि 2013-14 में 29.17 पर था। इसमें रिकॉर्ड 17.89 प्रतिशत की गिरावट देखने को मिली है। नीति आयोग ने आगे कहा कि बीते नौ वर्षों में बहुआयामी गरीबी अनुपात कम होने के कारण 24.82 करोड़ लोग गरीबी से निकलने में सफल हुए हैं।

नोट: अगर आपको यह खबर पसंद आई तो इसे शेयर करना न भूलें, देश-विदेश से जुड़ी ताजा अपडेट पाने के लिए कृपया Vnation के Facebook पेज को LikeTwitter पर Follow करना न भूलें...
Leave A Reply

Your email address will not be published.