पटना: बिहार में गिरते पुल-पुलियों को लेकर सरकार अब जहां सजग दिख रही है, वहीं इसे लेकर राजनीति भी खूब हो रही है। विपक्ष सत्ता पक्ष को इस मुद्दे को लेकर घेर रहा है। बिहार में विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव ने गुरुवार को पुल गिरने की घटनाओं पर सत्ता पक्ष पर जोरदार कटाक्ष करते हुए अपने आधिकारिक एक्स एकाउंट पर लिखा कि चार जुलाई की सुबह बिहार में एक पुल और गिरा। कल तीन जुलाई को ही पांच पुल गिरे।
उन्होंने आगे लिखा, “𝟏𝟖 जून से लेकर अभी तक 𝟏𝟐 पुल ध्वस्त हो चुके हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार इन उपलब्धियों पर एकदम खामोश एवं निरुत्तर हैं। सोच रहे हैं कि इस मंगलकारी भ्रष्टाचार को जंगलराज में कैसे परिवर्तित करें?”
उन्होंने आगे तंज कसते हुए लिखा, “सदैव भ्रष्टाचार, नैतिकता, सुशासन, जंगलराज, गुड गवर्नेंस इत्यादि पर राग अलाप कर दूसरों में गुण दोष के खोजकर्ता, कथित उच्च समझ के उच्च कार्यकर्ता, उन्नत कोटि के उत्कृष्ट पत्रकार सह पक्षकार तथा उत्तम विचार के श्रेष्ठ लोग अंतरात्मा का गला घोंट इन सुशासनी कुकृत्यों पर चुप्पी की चादर ओढ़ सदाचारी बन चुके हैं।”
इधर, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बुधवार को समीक्षा बैठक में ग्रामीण कार्य विभाग को भी पथ निर्माण विभाग की तरह मेंटेनेंस पॉलिसी बनाने के निर्देश दिए। जल संसाधन विभाग भी अब पुल गिरने की घटनाओं पर सचेत हुआ है। विभाग के अपर मुख्य सचिव चैतन्य प्रसाद ने कहा है कि गोपालगंज जिले के बरौली प्रखंड सहित सीवान जिले के महाराजगंज, दरौंदा और लहलादपुर में छाड़ी नदी पर बने दशकों पुराने पुल, पुलिया जर्जर हो चुके हैं, उनकी जगह नए बनाए जाएंगे। विभाग द्वारा क्षतिग्रस्त पुल की जांच उड़नदस्ता संगठन से कराई जा रही है। जांच रिपोर्ट में जो भी दोषी पाए जाएंगे, उन पर कार्रवाई की जायेगी।