लखनऊ । सावन का महीना देवों के देव महादेव को समर्पित है। इस महीने में भगवान शिव मां पार्वती की विशेष पूजा-अर्चना की जाती है। साथ ही सावन में सावन सोमवार व्रत और मंगला गौरी व्रत किए जाते हैं। इसके अलावा सावन शिवरात्रि का भी पर्व मनाया जाता है। पंचांग के अनुसार, सावन माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि के दिन मासिक शिवरात्रि व्रत रखा जाता है।
पंचांग के अनुसार, सावन माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि 02 अगस्त को दोपहर 03 बजकर 26 मिनट से शुरू होगी। वहीं, अगले दिन यानी 03 अगस्त को दोपहर 03 बजकर 50 मिनट पर समाप्त होगी। ऐसे में सावन शिवरात्रि व्रत अगस्त 2, 2024, शुक्रवार को किया जाएगा।
सावन शिवरात्रि पूजा विधि :इस दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान करें। साफ वस्त्र धारण करें और व्रत का संकल्प लें। चौकी पर शिव परिवार की प्रतिमा विराजमान करें। उनका दूध, दही, गंगाजल और जल समेत आदि चीजों से अभिषेक करें। महादेव को सफेद चंदन का तिलक लगाएं। देवी पार्वती को कुमकुम का तिलक लगाएं। इसके बाद देशी घी का दीपक जलाएं।
आरती करें और शिव तांडव स्तोत्र, शिव चालीसा का पाठ करें। इसके बाद प्रभु को भांग, धतूरा, बेलपत्र अर्पित करें। साथ ही फल और मिठाई का भोग लगाएं। अंत में जीवन में सुख-शांति की प्राप्ति के लिए कमान करें। लोगों में प्रसाद का वितरण करें और खुद भी ग्रहण करें।
सभी संकटों से मिलेगी मुक्ति : भगवान शिव का स्वरूप अधिक दिव्य और पवित्र है। हिंदू धर्म में सोमवार का दिन देवों के देव महादेव को प्रिय है। इसलिए सोमवार के दिन भगवान शिव और मां पार्वती की विशेष पूजा-अर्चना करने का विधान है। साथ ही जीवन के संकटों को दूर करने के लिए व्रत भी किया जाता है।
पूजा के दौरान शिवलिंग पर विशेष चीजें अर्पित करनी चाहिए। सोमवार के दिन सुबह स्नान करें और सूर्य देव को जल अर्पित करें। इसके बाद दही, दूध, शहद, घी और गंगाजल मिलाकर शिवलिंग का अभिषेक करें। अब शिवलिंग पर बेलपत्र, मोली, अक्षत, फल, पान, सुपारी अर्पित करें। घी का दीपक जलाकर महादेव की आरती करें और विशेष मंत्रों का जाप करें। भगवान शिव को फल, मिठाई समेत आदि चीजों का भोग लगाएं। इसके पश्चात लोगों में प्रसाद का वितरण करें। अंत में गरीब लोगों में अन्न और धन का दान करें।