wholesale market दालों की कीमतों में गिरावट, खुदरा बाजार में क्यों नहीं मिली राहत, सरकार ने रिटेलर्स को दी चेतावनी
नई दिल्ली : सरकार ने बताया था कि दालें, खास कर अरहर या तुअर और उड़द की दाल की थोक कीमतें घटी हैं। सरकार ने बताया था कि इन दालों की कीमतों में करीब चार फीसदी की कमी हुई है। इसके साथ ही उम्मीद जताई गई थी कि अब खुदरा बाजार में भी कीमतें कम होंगी। लेकिन, रिटेल बाजार में इन दालों की कीमत घटने के बजाय बढ़ गईं। इसके बाद केंद्रीय उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय ने देश के टॉप रिटेलरों के साथ बैठक की है। सरकार ने इन्हें एक तरह से चेतावनी दी है कि थोक बाजार के अनुरूप ही खुदरा बाजार में भी कीमतें कम हो।
केंद्रीय उपभोक्ता मामलों की सचिव निधि खरे ने बीते दिन रिलायंस रिटेल, डी मार्ट, टाटा स्टोर्स, स्पेंसर्स, आरएसपीजी, वी मार्ट जैसे बड़े रिटेलर्स के साथ बैठक की। इस दौरान उन्होंने रिटेलर्स को एक तरह से चेतावनी देते हुए कहा कि अगर दालों की कीमतें कम नहीं हुईं तो सख्त कार्रवाई होगी।
पिछले कुछ दिनों से थोक मंडियों में तुअर, चना और उड़द जैसी प्रमुख दालों की कीमतों में मामूली गिरावट आई है। लेकिन, रिटेल बाजार में यह कमी नहीं दिख रही है। उपभोक्ता मामलों के विभाग के अनुसार, पिछले एक महीने में प्रमुख मंडियों में चना, तुअर और उड़द की कीमतों में 4% तक की गिरावट आई है, लेकिन खुदरा कीमतों में समान गिरावट नहीं देखी गई है।
रिटेलर्स के साथ बैठक में निधि खरे ने कहा कि अगर स्टॉक सीमा का उल्लंघन, जमाखोरी और मुनाफाखोरी करते हुए पाए गए तो उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। मतलब कि अब सरकार की इन कमोडिटी पर कड़ी नजर रहेगी। साथ ही जमाखोरी के नियमों का भी कड़ाई से पालन किया जाएगा।
उपभोक्ता मामले के सचिव ने यह भी बताया कि खरीफ दलहन की बुवाई अच्छी रही है। कृषि मंत्रालय के नवीनतम आंकड़ों के अनुसार, दलहन का रकबा बढ़कर 62.32 लाख हेक्टेयर हो गया है, जबकि पिछले साल यह 49.50 लाख हेक्टेयर था। दलहन में तुअर की खेती 9.66 लाख हेक्टेयर से बढ़कर 28.14 लाख हेक्टेयर हो गई है। खरे ने रिटेल उद्योग से दालों की कीमतों को उपभोक्ताओं के लिए किफायती रखने के सरकार के प्रयासों में हर संभव मदद करने को कहा।