उज्जैन के इस मंदिर में मिलती है मंगल दोष से मुक्ति, विराजमान है भगवान शिव, भात से होता है श्रृंगार

0 71

उज्जैन: महाकाल की नगरी में बहती शिप्रा नदी को मोक्षदायिनी क्षिप्रा भी कहा जाता है. शिप्रा के पवित्र तटों पर जन्मी इस आध्यात्मिक संस्कृति की वजह से शास्त्रों में यह स्थान उज्जैयनी के नाम से प्रसिद्ध हुआ. पुराणों के अनुसार उज्जैयनी ही मंगल का जन्म स्थान है. इसलिए यहां पर स्थित मंगलनाथ मंदिर में लोग दूर-दूर से मंगल दोष से मुक्ति पाने के लिए आते हैं,.

मत्स्य पुराण के अनुसार, मंगलनाथ में ही मंगल ग्रह का जन्म हुआ था. कथा के अनुसार, अंधकासुर नामक दैत्य को भगवान शिव का वरदान प्राप्त था कि उसके रक्त की बूंदों से सैकड़ों दैत्य जन्म लेंगे. इसी वरदान के चलते अंधकासुर पृथ्वी पर उत्पात मचाने लगा। इस पर सभी ने भगवान शिव से प्रार्थना की. अंधकासुर के अत्याचार से सभी को मुक्त करने के लिए उससे युद्ध करने का निर्णय लिया. दोनों के बीच भयानक युद्ध हुआ. इस युद्ध में भगवान शिव का पसीना बहने लगा जिसकी गर्मी से धरती फट गई और उससे मंगल का जन्म हुआ. उत्पन्न होते ही मंगल ग्रह ने दैत्य के शरीर से निकली रक्त की बूंदों को अपने अंदर सोख लिया. कहां जाता है कि यही वजह से मंगल का रंग लाल माना गया है.

वैसे तो पूरी दुनिया में यह मंदिर मंगलनाथ मंदिर के नाम से प्रसिद्ध है लेकिन इस मंदिर में भगवान शिव ही मंगलनाथ के रूप में विराजमान हैं. मंदिर के गर्भगृह में भगवान शिव,एक शिवलिंग के रूप में स्थापित हैं. वैसे तो सम्पूर्ण उज्जैन ही सनातन ज्ञान का एक महान केंद्र है लेकिन महाकाल मंदिर और मंगलनाथ दोनों ही खगोल अध्ययन के केंद्र भी माने गए हैं.

मान्यताओं के अनुसार इस मंदिर में किसी भी तरह के अमंगल को मंगल में बदलने की सामर्थ्य है. यहां देश-विदेश से लोग अपनी कुंडली के मंगल दोष मुक्ति पाने के लिए आते हैं. यहां मंगल की शांति और दोषों से मुक्ति पाने के लिए पूरे विधि विधान से पूजा अर्चना की जाती है. मंगलनाथ मंदिर की सबसे बड़ी विशेषता है यहां होने वाली भात पूजा इस विशेष पूजा के दौरान मंदिर में स्थापित भगवान शिव का भात श्रृंगार किया जाता है. कुंडली में मंगल दोष के निवारण के लिए भक्तों के द्वारा मंदिर में भात पूजा कराई जाती है. अत्यंत पवित्र क्षिप्रा नदी के तट पर स्थित होने के कारण इस मंदिर का और यह होने वाली पूजा का महत्व और भी बढ़ जाता है. इसके अलावा इस मंदिर में नवग्रह पूजा भी संपन्न होती है.

नोट: अगर आपको यह खबर पसंद आई तो इसे शेयर करना न भूलें, देश-विदेश से जुड़ी ताजा अपडेट पाने के लिए कृपया Vnation के Facebook पेज को LikeTwitter पर Follow करना न भूलें...
Leave A Reply

Your email address will not be published.