लोकसभा में आज बजट पर होगी चर्चा, 20 घंटे का समय निर्धारित, कांग्रेस नाखुश

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नई दिल्ली: लोकसभा में आज बजट पर चर्चा होगी। इसके लिए 20 घंटे का समय निर्धारित भी किया गया है। वहीं आगामी 30 जुलाई को वित्त मंत्री बजट पर लंबी चली बहस के बाद अपना जवाब भी देंगी. इस बाबत लोकसभा की कार्य मंत्रणा समिति (BAC) ने बीते सोमवार को केंद्रीय बजट के अलावा रेल, शिक्षा, स्वास्थ्य, एमएसएमई और खाद्य प्रसंस्करण मंत्रालयों से संबंधित मुद्दों पर चर्चा करने का निर्णय लिया था।

जानकारी दें की केंद्रीय बजट 2024-25 बीते मंगलवार को लोकसभा में प्रस्तुत किया गया जिस पर सदन में चर्चा के लिए कुल 20 घंटे का समय आवंटित किया गया है।इसमें वित्त मंत्रालय, रेलवे मंत्रालय, शिक्षा मंत्रालय, स्वास्थ्य मंत्रालय, MSME और फूड प्रोसेसिंग मंत्रालयों के डिमांड और ग्रांट पर चर्चा के लिए 5-5 घंटे का समय निर्धारित किया किया गया है। वहीं BAC ने सत्र के एजेंडा पर फैसला किया है और कुछ विपक्षी सदस्यों ने विभिन्न विषयों पर सदन में चर्चा की मांग की है । इस समिति में विभिन्न दलों के प्रतिनिधि शामिल होते हैं। सूत्रों का मानें तो पांच मंत्रालयों की अनुदान की मांगों पर चर्चा के दौरान भी सदस्य उनसे संबंधित विभिन्न विषयों पर अपनी बात रख सकेंगे।

गौरतलब है कि कांग्रेस ने बीते मंगलवार को पेश केंद्रीय बजट को ‘नकलची’ तथा ‘कुर्सी बचाओ’ बजट करार दिया और कहा कि सरकार को मुख्य विपक्षी दल का धन्यवाद करना चाहिए क्योंकि उसने उसके चुनावी घोषणापत्र से कई बिंदुओं को ‘कॉपी-पेस्ट’ कर लिया है। इतना ही नही मुख्य विपक्षी दल ने यह दावा भी किया था कि इस बजट में महंगाई, बेरोजगारी और किसानों की समस्याओं को लेकर कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए तथा आम लोगों को कोई राहत प्रदान नहीं की गई। इस बाबत पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने आरोप लगाया था कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने देश की तरक्की वाला नहीं, बल्कि ‘मोदी सरकार बचाओ’ बजट पेश किया है।

इसके जवाब में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने विपक्ष की इस आलोचना को खारिज कर दिया कि सरकार ने बजट में केवल उन राज्यों को विशेष सुविधा दी है, जहां उसके सहयोगी दलों की सरकार हैं। उन्होंने कहा कि जिनके गठबंधन को 230 से सीटें मिली हैं, उन्हें इस पर सवाल उठाने का कोई अधिकार नहीं है, क्योंकि केंद्र ने सभी राज्यों को धन मुहैया कराया है। इसमें बिहार के लिए घोषित 60,000 करोड़ रुपये की परियोजनाओं और आंध्र प्रदेश के लिए बहुपक्षीय सहायता उपलब्ध कराने के वादे पर उन्होंने कहा कि बजट में सभी राज्यों के लिए 1.5 लाख करोड़ रुपये की सहायता का वादा किया गया है।

उन्होंने यह भी कहा कि , “यदि बजट भाषण में राज्य का नाम नहीं है, तो इसका मतलब यह नहीं है कि उसे शामिल ही नहीं किया गया है।” इस बजट में बिहार, झारखंड, पश्चिम बंगाल, ओडिशा और आंध्र प्रदेश के सर्वांगीण विकास के लिए पूर्वोदय योजना का प्रस्ताव भी रखा गया है।

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