लखनऊ : समाजवादी पार्टी पीडीए के ”डी” को मजबूत करेगी। यानी, दलितों पर फोकस बढ़ाएगी। इसके लिए फैजाबाद (अयोध्या) के सांसद अवधेश प्रसाद का चेहरा आगे किया जाएगा। प्रदेश में जगह-जगह उनकी बैठकें लगाई जाएंगी। आवश्यकता के हिसाब से प्रदेश के बाहर भी भेजा जाएगा। कुल मिलाकर अक्तूबर में होने वाले विधानसभा उपचुनावों और वर्ष 2027 के विधानसभा चुनाव के मद्देनजर 22 फीसदी दलित वोटरों पर पार्टी की नजर है। यूपी में सपा ने सबसे ज्यादा 37 लोकसभा सीटें जीती हैं और इसी बढ़त को विधानसभा चुनाव में भी बनाए रखने की रणनीति के साथ पार्टी आगे बढ़ रही है।
यही वजह है कि अखिलेश यादव राजनीतिक रूप से सभी अहम फैसले इस तरह से ले रहे हैं, ताकि वोट बैंक में वृद्धि हो सके। विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष के लिए अपने चाचा व पूर्व कैबिनेट मंत्री शिवपाल यादव के नाम पर विचार न करना इसी रणनीति का हिस्सा माना जा रहा है। लोकसभा चुनाव में सपा को 33.59 प्रतिशत मत मिले थे। इस मत प्रतिशत को बढ़ाने के लिए उनकी नजर दलित मतदाताओं पर लगातार बनी हुई है। प्रदेश में मुस्लिम और यादव मतदाता उसके साथ मजबूती से खड़े हैं। लोकसभा चुनाव में कुर्मी समेत अन्य पिछड़ी जातियों के अलावा दलितों के भी एक हिस्से का उसे साथ मिला। सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव अब इन्हीं दलित जातियों पर अधिकाधिक फोकस कर रहे हैं।
यही वजह है कि वे अवधेश प्रसाद के राजनीतिक बयानों को खुद अपने एक्स एकाउंट से पोस्ट कर रहे हैं। सपा सूत्रों के मुताबिक, पार्टी एक पूरी टीम तैयार कर रही है, जो दलितों के बीच जाकर काम करेगी। इसमें अनुसूचित जाति के नेताओं को मुख्य रूप से शामिल किया गया है। पिछड़े व अगड़े स्थानीय नेता उनकी पर्दे के पीछे से रहकर मदद करेंगे। सपा की रणनीति है कि सिर्फ प्रदेश में ही नहीं, बल्कि अयोध्या से जीते अवधेश प्रसाद को देश के दूसरे हिस्सों में भी भेजकर दलित मतदाताओं को अपने पक्ष में किया जाए। अब इसमें सपा कितना सफल होगी, यह तो भविष्य ही बताएगा।