नई दिल्ली. भारत के पड़ोसी देश बांग्लादेश में आरक्षण मुद्दे पर भड़की हिंसा के बाद हालात बद से बदतर हो गए हैं। गुस्साई भीड़ ने प्रधानमंत्री आवास धावा बोल दिया है। जबकि पीएम शेख हसीना ने इस्तीफा दे दिया है और वह देश छोड़कर चली गईं है। वहीं, सेना प्रमुख जनरल वकार-उज-जमां ने देश की जिम्मेदारी संभालने की घोषणा कर दी है। ऐसे में इसका भारत और बांग्लादेश के रिश्तों पर भी पड़ने की संभावना है।
बांग्लादेश-भारत का एक महत्वपूर्ण व्यापारिक साझेदार है। बांग्लादेश की सीमाएं तीन तरफ से भारत से घिरी हैं। व्यापार और सुरक्षा के मद्देनजर बांग्लादेश में हालत अच्छे होने जरुरी है। क्योंकि चीन बांग्लादेश के घटनाक्रम पर चीन भी नजरें गड़ाए बैठा है। विस्तारवादी सोच के चलते चीन भारत को घेरने के लिए बांग्लादेश का इस्तेमाल कर सकता है। इसके अलावा बांग्लादेश में सुरक्षा स्थिति बिगड़ गई है। जिसके कारण भारत में अवैध प्रवासियों की संख्या बढ़ सकती है।
व्यापार के दृष्टि से देखा जाए तो बांग्लादेश में मौजूदा परिस्थिति के चलते आर्थिक संबंध प्रभावित हो सकते हैं, जिससे भारतीय कंपनियों और निवेशकों को नुकसान हो सकता है। भारत ने बांग्लादेश में भारी निवेश किया है। वहीं, चीन भी पिछले पांच वर्षों में निवेश किया है। बेल्ट एंड रोड प्रोजेक्ट चीन का एक महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट है। वह बांग्लादेश से व्यापार बढ़ाने की कोशिश में है। विशेषज्ञों की माने तो बांग्लादेश में चीन के बीच बढ़ते व्यापार के चलते भारत को भारी नुकसान उठाना पड़ सकता है। हालांकि, अब बांग्लादेश के सैन्य शासक भारत से व्यापार को कितना बढ़ावा देता है यह आने वाला समय ही बता पाएगा।
भारत और बांग्लादेश के बीच कई बिलियन डॉलर का ट्रेड होता है। संयुक्त राष्ट्र के COMTRADE डेटाबेस की मानें तो साल 2023 में भारत से बांग्लादेश में 11.25 बिलियन डॉलर, 2022 में 13.8 बिलियन डॉलर, 2021 में 14.1 बिलियन डॉलर का एक्सपोर्ट हुआ था।
साल 2023 में भारत से बांग्लादेश में खनिज ईंधन, तेल, डिस्टिलेशन प्रोडक्ट का कुल निर्यात करीब 2.19 बिलियन डॉलर हुआ था। वहीं अगर अन्य एक्सपोर्ट्स की बात करें तो कपास 2.18 बिलियन डॉलर, अवशेष, खाद्य उद्योग के अपशिष्ट, पशु चारा 733.42 मिलियन डॉलर, रेलवे, ट्रामवे और अन्य वाहन 593.97 मिलियन डॉलर, मशीनरी, परमाणु रिएक्टर, बॉयलर 552.41 मिलियन डॉलर का निर्यात किया गया है।
इसके इतर खाने योग्य सब्जियां और कुछ जड़ें और कंद 464.31 मिलियन डॉलर, चीनी और चीनी कन्फेक्शनरी 391.60 मिलियन डॉलर के साथ साथ कार्बनिक रसायन 369.71 मिलियन डॉलर, कॉफी, चाय, मेट और मसाले 293.73 मिलियन डॉलर, लोहा और इस्पात लगभग 287.42 मिलियन डॉलर का एक्सपोर्ट हुआ है।