नई दिल्ली : तमिल मछुआरों की समस्याओं और उनके साथ हो रही घटनाओं के मद्देनजर विदेश मंत्री एस जयशंकर ने तमिलनाडु के बीजेपी अध्यक्ष अन्नामलाई के साथ मछुआरों के नेताओं के एक प्रतिनिधिमंडल से सोमवार को मुलाकात की। विदेश मंत्री ने मंगलवार को एक्स पर अपनी पोस्ट में मछुआरों की समस्याओं पर विचार करने का आश्वासन दिया।जयशंकर ने कहा, “कल तमिलनाडु अध्यक्ष अन्नामलाई, तमिल मछुआरों के नेताओं के एक प्रतिनिधिमंडल के साथ मुलाकात की। उन्होंने अपनी विभिन्न शिकायतें और चिंताएं बताईं। भारत सरकार भारतीय मछुआरों की आजीविका, कल्याण और सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता देती है। आश्वासन दिया कि उनके मुद्दों पर स्थायी और सहानुभूतिपूर्ण तरीके से विचार किया जाएगा।”
यह मुलाकात ऐसे समय में हुई जब हाल ही में 1 अगस्त को श्रीलंकाई नौसेना के जहाज से भारतीय मछुआरों की नाव की टक्कर में एक भारतीय मछुआरे की मृत्यु हो गई थी। इस घटना में दो अन्य मछुआरों को श्रीलंकाई नौसेना द्वारा हिरासत में लिया गया और श्रीलंका ले जाया गया था। यह घटना भारत और श्रीलंका के बीच लंबे समय से चली आ रही समुद्री विवाद को फिर से उजागर करती है।
भारतीय मछुआरे अक्सर अपनी जीविका के लिए समुद्र में उतरते हैं, लेकिन अंतरराष्ट्रीय जल सीमा के विवाद के कारण उन्हें कई बार समस्याओं का सामना करना पड़ता है। श्रीलंकाई नौसेना द्वारा भारतीय मछुआरों की नावों को जब्त करने की घटनाएं आम हो गई हैं, जिससे दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ता जा रहा है। तमिलनाडु के मछुआरे लंबे समय से अपनी सुरक्षा और अधिकारों की मांग कर रहे हैं। उनका कहना है कि उनकी नावों और जालों की जब्ती से उनका जीवन यापन मुश्किल हो गया है। इस समस्या का समाधान करने के लिए सरकार के हस्तक्षेप की आवश्यकता है।
विदेश मंत्री जयशंकर ने इस बात पर जोर दिया कि भारत सरकार मछुआरों की समस्याओं को गंभीरता से ले रही है और उनका समाधान खोजने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने आश्वासन दिया कि मछुआरों की समस्याओं का समाधान सहानुभूतिपूर्ण और दीर्घकालिक दृष्टिकोण के साथ किया जाएगा।