राजस्थानः सात चिताएं एक साथ जलीं तो रो पड़ा गांव…घटना के बाद से गांव में नहीं जला चूल्हा

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भरतपुर। जिले में रविवार के दिन एक दर्दनाक हादसा हुआ। नदी में नहाने गए सात युवकों की डूबने से मौत हो गई। सातों युवकों के शव जब गांव में पहुंचे तो परिजनों में चीख-पुकार मच गई। सातों मृतकों का एक साथ दाह संस्कार करते वक्त सभी की आंखे नम हो गई। घटना के बाद से गांव में चूल्हा नहीं जला है। राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने भी मृतकों के प्रति शोक संवेदना व्यक्त की है.। जन प्रतिनिधि एवं अधिकारी भी मृतकों के परिजनों को सांत्वना देते नजर आए।

जानकारी के अनुसार रविवार शाम को बयाना उपखण्ड के पिदावली ग्राम के पास बाणगंगा नदी में बने गड्ढे में जमा वर्षा के पानी में नहाने के लिए गए श्रीनगर गांव निवासी सात बच्चों की डूब जाने से मौत हो गई। हादसा इतना दर्दनाक था कि जिसने भी इस हादसे के बारे में सुना वह दंग रह गया। जब सातों मृतकों के बच्चों के शव गांव में पहुंचे तो ग्रामीण और रिश्तेदारों की आंखों से अश्रुधारा बह उठी। महिलाएं फूट-फूट कर रोईं, परिजन बेसुध हालत में थे। जो भी इस मंजर को देख रहा था वह अपने आंसू नहीं रोक सका।

इस हादसे के बाद से गांव में चूल्हा नहीं जला है। गांव के श्मशान घाट में शवों को ले जाकर चिताओं पर रखा और हिंदू रीति-रिवाज के अनुसार मुखाग्नि देकर अंतिम संस्कार किया गया.जब सातों बच्चों की एक साथ चिता जली तो परिवार के लोग एक-दूसरे से लिपटकर बिलखने लगे। ग्राम श्रीनगर निवासी पवन पुत्र उदय सिंह जाटव उम्र 20 साल, सौरभ पुत्र तानसिंह जाटव उम्र 14 साल, भूपेन्द्र पुत्र दशरथ जाटव उम्र 18, शांतनु पुत्र खैमसिंह उर्फ खेमचन्द जाटव उम्र 18 साल, लक्खी पुत्र प्रीतम सिंह जाटव उम्र 20, पवन पुत्र शुगर सिंह जाटव उम्र 22 एवं गौरव पुत्र प्रकाश उर्फ ओमप्रकाश उम्र 16 साल की डूबने से मौत हुई है।

जिला कलक्टर डॉ. अमित यादव ने मौके पर जाकर स्थिति का जायजा लिया तथा परिजनों से मिलकर नियमानुसार सहायता दिलाने का भरोसा दिलाया।

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