नई दिल्ली : उड़द एक दलहन होता है और इसका तासीर भी ठंडा होता है। इसलिए उड़द दाल को घी में हींग का छौंक डालकर बनाया जाता है। इसमें जो अनगिनत गुण होते हैं वह न सिर्फ खाना को स्वादिष्ट ही बनाता है वरन् कई तरह के बीमारियों के लिए वरदान जैसा साबित होता है। उड़द दाल में बहुत सारे पौष्टिक तत्व होते हैं जिसके कारण इस दाल को सिर दर्द, नकसीर, बुखार, सूजन जैसे अनेक बीमारियों के इलाज करने के लिए प्रयोग किया जाता है।
उड़द की दाल स्वाद में बेहद लजीज होने के साथ-साथ सेहत के लिए भी बहुत फायदेमंद (Beneficial होती है। इस दाल को आयुर्वेदिक(Ayurvedic) दवाओं के रूप में भी प्रयोग किया जाता है।इसमें प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट, फैट, विटामिन बी, आयरन, फोलिक एसिड, कैल्शियम, मैग्नीशियम और पोटेशियम भरपूर मात्रा में मिलते हैं। यही वजह है कि उड़द की दाल गर्भवती महिलाओं के लिए भी एक हेल्थ पैकेज की तरह काम करती है। आइए जानते हैं कि उड़द की दाल हमारी सेहत को किस तरह प्रभावित करती है।
डायरिया, कब्ज, पेट में ऐंठन या सूजन की परेशानियों से छुटकारा (Get rid of troubles) पाने के लिए अपने खाने में उड़द की दाल को जरूर शामिल करें। उड़द की दाल बवासीर और कॉलिक डिसऑर्डर (Piles and colic disorder) की समस्याओं को दूर करने और लिवर को हेल्दी बनाने में भी कारगर है। फाइबर से भरपूर यह दाल घुलनशील और अघुलनशील, दोनों ही तरह के डाइजेशन को ठीक रखती है।
उड़द की दाल हमारे नर्वस सिस्टम के लिए भी अच्छी होती है। हमारे ब्रेन को भी यह दाल हेल्दी रखती है। बता दें कि लकवा समेत कई बीमारियों को ठीक करने के लिए आयुर्वेद में इसका इस्तेमाल किया जाता है। यह आपके तनाव को कम करने में भी मदद करती है।
इस दाल में फाइबर भरपूर मात्रा में होता है जो शुगर और ग्लूकोज के लेवल को नॉर्मल बनाए रखने में मदद करता है जिस वजह से आपकी डायबिटीज भी कंट्रोल में रहती है।
जोड़ों और मांसपेशियों के दर्द में मिलेगा आराम. अगर आप दर्द और सूजन से तुरंत राहत पाना चाहते हैं तो उड़द की दाल का पेस्ट दर्द वाली जगह पर लगाएं। इसके अलावा यह किसी भी तरह की त्वचा की जलन को कम करने, टैन और सनबर्न से छुटकारा दिलाने में भी मदद करती है।
उड़द की दाल में उच्च मात्रा में फाइबर, मैग्नीशियम और पोटैशियम होते हैं जो हमारे हार्ट की हेल्थ बनाए रखने में बहुत फायदेमंद हैं। यह कोलेस्ट्रॉल लेवल को भी ठीक रखता है और एथेरोस्क्लेरोसिस को कंट्रोल में रखता है जिस वजह से हमारा कार्डियोवस्कुलर सिस्टम हेल्दी रहता है।
यह हड्डियों के मिनरल डेन्सिटी (Mineral density of bones) को बेहतर बनाने में अहम भूमिका निभाती है। नियमित रूप से उड़द की दाल (urad lentil) का सेवन करने से हड्डी से संबंधित समस्याओं (Bone related problems) को रोका जा सकता है।