ISRO ने कर दिखाया कमाल, लॉन्च किया SSLV मिशन का अंतिम रॉकेट; सोमनाथ ने बताया इसका काम

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नई दिल्ली: भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से एसएसएलवी-डी3/ईओएस-08 मिशन का तीसरा और अंतिम रॉकेट को सफलतापूर्वक लॉन्च कर दिया। SSLV-D3 ने EOS-08 को कक्षा में सटीक रूप से स्थापित किया। इसरो के लिए यह बड़ी सफलता है। उपग्रह को सफलतापूर्वक लॉन्च करने के बाद अंतरिक्ष एजेंसी के प्रमुख एस सोमनाथ ने एसएसएलवी के विकास कार्य के पूरा होने की घोषणा की।

इसरो प्रमुख एस सोमनाथ ने कहा कि छोटे-लिफ्ट लॉन्च व्हीकल, एसएसएलवी-डी3/ईओएस-08 की तीसरी और अंतिम उड़ान सफलतापूर्वक पूरी हो गई है। उन्होंने कहा कि रॉकेट ने अंतरिक्ष यान को ठीक उसी कक्षा में स्थापित कर दिया है, जैसा कि योजना बनाई गई थी। इंजेक्शन स्थितियों में कोई विचलन नहीं हुआ। इसरो ने एक बयान में बताया कि ईओएस-8 अभियान का प्राथमिक उद्देश्य सूक्ष्म उपग्रह का डिजाइन तैयार करना, पेलोड उपकरण बनाना और भविष्य के उपग्रहों के लिए आवश्यक नयी प्रौद्योगिकियों को शामिल करना हैं। इसरो ने बताया कि इस अंतरिक्ष यान के मिशन की अवधि एक वर्ष है। इसका वजन लगभग 175.5 किलोग्राम है और यह लगभग 420 वॉट की शक्ति उत्पन्न करता है।

आईओआईआर पेलोड को तस्वीरें खींचने के लिए तैयार किया गया है। यह पेलोड मध्यम-वेव आईआर (एमआईआर) और दीर्घ-वेव-आईआर (एनडब्ल्यूआईआर) बैंड में दिन और रात के समय तस्वीरें खींच सकता है। इसका इस्तेमाल उपग्रह आधारित निगरानी, ​​आपदा निगरानी, ​​पर्यावरण निगरानी, ​​आग लगने का पता लगाने, ज्वालामुखी गतिविधि अवलोकन तथा औद्योगिक एवं विद्युत संयंत्र आपदा निगरानी जैसे कार्यों के लिए किया जा सकेगा।

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