नई दिल्ली : केंद्रीय रिजर्व बैंक ने एक बैंक और 2 फाइनेंस कंपनियों पर जुर्माना (Fine) लगाया है। रिजर्व बैंक ने शुक्रवार को कहा कि उसने नो योर कस्टमर सहित उसके निर्देशों का उल्लंघन करने के लिए बैंक ऑफ महाराष्ट्र (बीओएम) पर 1.27 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया है। इसके अलावा पूनावाला फिनकॉर्प और हिंदुजा लीलेंड फाइनेंस पर भी कार्रवाई की गई है।
रिजर्व बैंक ने कहा कि उसने बैंक ऑफ महाराष्ट्र (बीओएम) पर अपने केवाईसी सहित अलग—अलग दिशानिर्देशों का उल्लंघन करने के चलते 1.27 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया है। आरबीआई ने कहा कि उसने आठ अगस्त, 2024 के एक आदेश में बीओएम पर 1.27 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया है। यह जुर्माना ‘बैंक कर्ज वितरण के लिए ऋण प्रणाली’, ‘बैंकों में साइबर सुरक्षा ढांचे’ और ‘अपने ग्राहक को जानिये’ पर आरबीआई के कुछ दिशानिर्देशों का पालन न करने के चलते लगाया गया।
इसके अलावा रिजर्व बैंक ने हिंदुजा लेलैंड फाइनेंस लिमिटेड पर केवाईसी दिशानिर्देश, 2016 के कुछ प्रावधानों का पालन न करने पर 4.90 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है। केंद्रीय बैंक ने पूनावाला फिनकॉर्प लिमिटेड पर 10 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है। बयान के मुताबिक, यह कार्रवाई नियामकीय अनुपालन में कमी के चलते की गई है, और इसका ग्राहकों के साथ किसी लेनदेन की वैधता से संबंध नहीं है।
रिजर्व बैंक ने पारदर्शिता और अनुपालन में सुधार के लिए ‘गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनी – पीयर टू पीयर ऋण मंच’ (एनबीएफसी – पी2पी ऋण मंच) के लिए मानदंड कड़े कर दिए। पी2पी ऋण मंच बैंकों या वित्तीय संस्थानों को मध्यस्थ बनाए बिना ऋण लेने वालों को सीधे कर्ज देने वालों से जोड़ते हैं। आरबीआई के संशोधित मास्टर निर्देश के अनुसार, पी2पी प्लेटफॉर्म को निवेश उत्पाद के रूप में कर्ज देने को बढ़ावा नहीं देना चाहिए। इनमें सुनिश्चित न्यूनतम रिटर्न, नकदी विकल्प जैसी सुविधाएं नहीं होनी चाहिए।
इसमें यह भी कहा गया कि एनबीएफसी-पी2पी ऋण मंच को किसी ऐसे बीमा उत्पाद की बिक्री के लिए ग्राहकों को लुभाना नहीं चाहिए जिसमें ऋण वृद्धि या ऋण गारंटी जैसी विशेषताएं शामिल हैं। केंद्रीय बैंक ने यह भी कहा कि जबतक कर्ज देने वाले और कर्ज लेने वाले का मिलान बोर्ड द्वारा अनुमोदित नीति के अनुसार नहीं हो जाता, तबतक कोई ऋण नहीं जारी करना चाहिए।