नई दिल्ली : बचपन से ही बच्चों को दूध (Milk) पिलाया जाता है ताकि बड़े होकर हड्डियां, दांत और पूरा शरीर स्वस्थ और मजबूत बने. दूध पीना सेहत के लिए बेहद जरूरी और फायदेमंद है. यह हेल्दी ड्रिंक हर किसी की डाइट में शामिल होना चाहिए. लेकिन, कई बार चीजों के अधिक सेवन से कुछ साइड इफेक्ट्स भी होते हैं. यही बात दूध पर भी लागू होती है. यदि आप दिन भर में एक या दो गिलास दूध पीते हैं तो ठीक है, लेकिन इससे अधिक मात्रा में दूध का सेवन नुकसान भी पहुंचा सकता है. इससे ना सिर्फ बोन फ्रैक्चर होगा बल्कि दिल से संबंधित समस्याएं भी शुरू हो सकती हैं.
1. वेरीवेलहेल्थ डॉट कॉम में छपी एक खबर के अनुसार, एक न्यूट्रिएंट्स से भरपूर डाइट में दूध को शामिल करना जरूरी है, क्योंकि इसमें कई तरह के महत्वपूर्ण विटामिंस और मिनरल्स होते हैं जैसे कैल्शियम, फॉस्फोरस, पोटैशियम, सेलेनियम, विटामिन डी, प्रोटीन, फैट्स, कार्बोहाइड्रेट्स, जिंक आदि. हालांकि, अधिक मात्रा में दूध पीने से कुछ लोगों को साइड एफेक्ट्स भी हो सकते हैं. अगर बात करें गाय के दूध की तो ये हर किसी को जल्दी सूट नहीं करता या नहीं पचता है.
2. वैसे तो दूध पीने के नुकसान से अधिक फायदे होते हैं, लेकिन फिर भी कुछ लोगों को इसके सेवन से बचना चाहिए. कुछ लोगों को डेयरी प्रोडक्ट्स से एलर्जी या लैक्टोज इंटॉलरेंस होती है. साथ ही डेयरी प्रोडक्ट्स जैसे दूध के अधिक सेवन से कई अन्य समस्याएं भी हो सकती हैं जैसे एक्ने होना, दिल की समस्या होना.
3. कुछ लोगों को एक्ने (Acne) की समस्या अधिक होती है. यह तब होता है, जब हेयर फॉलिकल्स तेल या मृत त्वचा से भर जाते हैं, जिससे त्वचा पर दाने, एक्ने, मुंहासे हो जाते हैं. एक स्टडी के अनुसार, दूध पीने और चीज के सेवन से ब्रेकआउट्स की संभावना काफी बढ़ जाती है. शोधकर्ता इस बात पर निश्चित नहीं हैं कि ऐसा क्यों होता है, लेकिन उनका मानना है कि डेयरी प्रोडक्ट के सेवन से इंफ्लेमेटरी (इम्यून) प्रतिक्रिया इसके लिए जिम्मेदार हो सकती है.
4. अधिक दूध पीने से इंफ्लेमेटरी स्किन कंडीशन हो सकती है. कुछ लोगों में दूध और दूध से बने उत्पादों के अधिक सेवन से एक्जिमा, पपड़ी नुमा त्वचा, खुजली होने की समस्या शुरू हो सकती है.
5. शोधकर्ताओं के अनुसार, 3% बच्चों और 3 वर्ष से कम उम्र के शिशुओं में किसी न किसी रूप में दूध से एलर्जी होती है. समय के साथ इसमें गिरावट आती है. ये एलर्जी तब उत्पन्न होती है, जब डेयरी उत्पादों से इंफ्लेमेटरी संबंधी प्रतिक्रियाएं उत्पन्न होती हैं.
6. लगभग 68 प्रतिशत लोगों को लैक्टोज इंटॉलरेंस की समस्या होती है. लैक्टोज इंटॉलरेंस होने पर दूध या डेयरी प्रोडक्ट्स का सेवन नहीं करना चाहिए वरना आपको ब्लोटिंग, उल्टी, दस्त, गैस, पेट में दर्द, मरोड़, मतली आदि हो सकती है.
7. दूध का अधिक मात्रा में सेवन करने से होने वाले नुकसान कई बार इसमें मौजूद उच्च लैक्टोज, सैचुरेटेड फैट के कारण होता है. एक कप दूध में लगभग 180 कैलोरी होती है. ऐसे में फुल फैट दूध के अधिक सेवन से शरीर में कैलोरी इनटेक की मात्रा बढ़ जाती है, जिससे वजन बढ़ने का खतरा रहता है. ऐसे में कैलोरी को बैलेंस करने के लिए आपको हेल्दी डाइट लेने के साथ ही शारीरिक रूप से एक्टिव भी रहना होगा.
8. वसायुक्त दूध दूध पीने से आपके खून में एलडीएल यानी बैड कोलेस्ट्रॉल की मात्रा बढ़ सकती है. चूंकि, वसायुक्त दूध में सैचुरेटेड फैट होता है, ऐसे में अधिक सेवन से हार्ट डिजीज होने का जोखिम बढ़ सकता है. जिन लोगों को पहले से ही हृदय संबंधित समस्याएं हैं, उन्हें वसायुक्त दूध के अधिक सेवन से परहेज करना चाहिए.
9. पाचन संबंधित समस्याएं भी हो सकती हैं, क्योंकि जिन लोगों को लैक्टोज इंटॉलरेंस है, वे लैक्टोज को आसानी से पचा नहीं पाते हैं. लैक्टोज दूध में पाया जाने वाला शुगर ( Sugar) है. इससे आपको ब्लोटिंग, डायरिया, पेट दर्द आदि हो सकता है.