समर्थ समाज और सशक्त राष्ट्र की बुनियाद है शिक्षा : सीएम योगी

0 33

गोरखपुर : उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि किसी भी समर्थ और सशक्त राष्ट्र की सबसे प्रमुख उपलब्धि शिक्षा होती है। शिक्षा सभ्य व समर्थ समाज और सशक्त राष्ट्र की बुनियाद है और बुनियादी जरूरत भी। शिक्षा के बिना मानवीय मूल्यों और जीवन सृष्टि की आवश्यकताओं की पूर्ति की कल्पना नहीं की जा सकती है। सीएम योगी मंगलवार को गोरखपुर के चरगांवा ब्लॉक के लिए “निपुण भारत मिशन” के तहत प्रदेश में ‘रोड टू स्कूल’ के पहले प्रोजेक्ट का शुभारंभ कर रहे थे। चरगांवा ब्लॉक क्षेत्र के एक रिजॉर्ट में आयोजित कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने कहा कि व्यक्ति को आत्मनिर्भर बनाने के लिए शिक्षा बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। व्यक्ति आत्मनिर्भर होगा तो समाज और राष्ट्र भी आत्मनिर्भर होगा। ऐसे में कोई कारण नहीं कि भारत दुनिया की सबसे बड़ी ताकत बनने से वंचित रह जाए।

उन्होंने शिक्षा के महत्व की चर्चा करते हुए कहा कि प्राचीन समय से अलग अलग कालखंडों में शिक्षा को सर्वसुलभ बनाने के प्रयास किए गए। इसमें गुरुकुल प्रणाली भी प्रेरक रही। तक्षशिला, नालंदा, विक्रमशिला, काशी, कांचीपुरम की ख्याति अध्ययन और अध्यापन के बेहतरीन केंद्र के रूप में रही। प्राचीनकाल के अलावा बदले हालात में देश को आजादी मिलने के बाद भी शिक्षा के क्षेत्र को मजबूत बनाने के लिए प्रयास हुए, लेकिन अभी भी बहुत कुछ करने की जरूरत है।

सीएम योगी ने पिछले सात सालों से सरकार के प्रयासों से प्रदेश के परिषदीय स्कूलों की दशा में आए बदलाव का उल्लेख करते हुए कहा, “2017 के पहले ड्रापआउट एक बड़ी समस्या थी। बड़ी संख्या में नामांकित बच्चे भी स्कूल नहीं आते थे तो कई कक्षा पांच के बाद छह में और कक्षा आठ के बाद नौ में एडमिशन नहीं लेते थे। सरकार ने ‘स्कूल चलो अभियान’ में शिक्षकों की भूमिका को महत्व दिया तो आज ये समस्या दूर होती जा रही है। स्कूल चलो अभियान का परिणाम है कि 2017 के बाद यूपी के परिषदीय विद्यालयों में 50 से 60 लाख नए बच्चे बढ़े हैं। बीच के दो साल कोरोना से प्रभावित होने के बावजूद इन स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों की संख्या 1.34 करोड़ से बढ़कर 1.92 करोड़ हो गई है।”

उन्होंने कहा कि जब हम बच्चों का भविष्य उज्ज्वल बनाएंगे तो भारत का भविष्य उज्ज्वल बनाने में सफल होंगे। रोड टू स्कूल प्रोजेक्ट स्कूल चलो अभियान का ही नया रूप है। इसमें रिसोर्स पर्सन और उनके ऊपर की टीम एक पिरामिड के रूप में बच्चों को स्कूल लाने, उनकी उपस्थित बनाए रखने और उनके शिक्षा, स्वास्थ्य, खेल और कला कौशल की मॉनिटरिंग करती है। रोड टू स्कूल में बच्चों को उदाहरण देकर सिखाने पर जोर है। यह एक अभिनव कार्यक्रम है जो बच्चों के शत प्रतिशत नामांकन, कक्षा में उनकी नियमित उपस्थिति और आगे की कक्षाओं में प्रवेश के लिए संवेदनशील प्रयास करता है। शिक्षा के स्तर को सुधारने के लिए जो तमाम प्रयास हो रहे हैं, ‘रोड टू स्कूल’ उसी का हिस्सा है।

बेसिक शिक्षा विभाग के साथ मिलकर ‘रोड टू स्कूल’ प्रोजेक्ट शुरू करने के लिए मुख्यमंत्री ने अशोक लीलैंड लिमिटेड और उसके कार्यान्वयन भागीदार लर्निंग लिंक फाउंडेशन को धन्यवाद दिया। सीएम योगी ने बताया कि रोड टू स्कूल प्रोजेक्ट के तहत पहले चरण में चरगांवा ब्लॉक के सभी 78 परिषदीय विद्यालयों (प्राथमिक, उच्च प्राथमिक और कम्पोजिट) को शामिल किया गया है। इससे 17781 विद्यार्थी लाभान्वित होंगे।

दूसरे चरण में भटहट ब्लॉक के सभी 90 परिषदीय विद्यालयों के 16434 छात्रों को फायदा होगा। रोड टू स्कूल प्रोजेक्ट में परिषदीय विद्यालयों में बच्चों का नामांकन बढ़ाने, ड्राप आउट रोकने, बच्चों में पठन-पाठन के प्रति अभिरुचि बढ़ाने, उनकी स्वास्थ्य देखभाल और उन्हें खेल एवं कौशल के क्षेत्र में आगे बढ़ाने के लिए भी प्रयास किए जा रहे हैं। मुख्यमंत्री ने आह्वान करते हुए कहा कि शिक्षक नए भारत के निर्माता हैं। ऐसे में उनकी जिम्मेदारी है कि वे बच्चों को पढ़ाने के लिए खुद को भी ज्ञान के विविध आयामों से अपडेट रखें। उन्होंने कहा कि शिक्षकों को अपने विषय और फील्ड के साथ सामाजिक दायित्वों की भी जानकारी होनी चाहिए ताकि वे बच्चों को योग्य नागरिक बना सकें। खुद को अपडेट रखकर ही वे बच्चों को कुशल बना पाएंगे और आने वाली पीढ़ी उनके प्रति कृतज्ञता ज्ञापित करेगी।

नोट: अगर आपको यह खबर पसंद आई तो इसे शेयर करना न भूलें, देश-विदेश से जुड़ी ताजा अपडेट पाने के लिए कृपया Vnation के Facebook पेज को LikeTwitter पर Follow करना न भूलें...
Leave A Reply

Your email address will not be published.