नई दिल्ली : भारत कूटनीति का केंद्र बनता जा रहा है. चीन से निपटने का प्लान हो या फिर रूस-यूक्रेन जंग रुकवाने की कोशिश… सबकी नजर भारत की ओर है. यही वजह है कि बीते 24 घंटे में 5 से ज्यादा देशों के बड़े नेता भारत पहुंचे हैं. इन्हें लेकर दिल्ली में दिनभर कूटनीतिक हलचल मची रही. कई बड़े फैसले हुए हैं, लेकिन सबका एक ही मकसद है कि साउथ एशिया में शांति, चीन की दादागिरी पर लगाम लगाना. इन हाई-प्रोफाइल नेताओं का पहुंचना बताता है कि भारत का प्रभाव किस तरह बढ़ रहा है।
जापान के विदेश मंत्री योको कामिकावा और रक्षा मंत्री किहारा मिनोरू टू प्लस टू वार्ता के लिए भारत पहुंचे. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और विदेश मंत्री एस जयशंकर के साथ हुई बैठक में कई अहम समझौतों पर हस्ताक्षर किए गए. दोनों देशों ने साफ कहा कि हिंद प्रशांत क्षेत्र में किसी की दादागिरी नहीं चलने देंगे. जापान ने मुंबई हमले, पठानकोट हमले के दोषियों को सजा देने की वकालत की. अलकायदा, आईएसएस, लश्कर और जैश पर ठोस कार्रवाई की मांग की. लेकिन सबसे अहम बात, भारत के तरंग शक्ति एक्सरसाइज में भाग लेने के लिए जापान एक फाइटर जेट भेजेगा. भविष्य में जापानी जहाजों की मरम्मत भारत में हो, इस पर चर्चा हुई. इतना ही नहीं, दोनों देश अपने सैन्य उपकरणों के इस्तेमाल पर भी चर्चा कर रहे हैं।
अनवर इब्राहिम: मलेशिया के प्रधानमंत्री अनवर इब्राहिम भारत अपनी पहली राजकीय यात्रा पर भारत पहुंचे. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ मुलाकात में उन्होंने पीएम मोदी को ‘मेरे प्यारे दोस्त और भाई’ कहकर संबोधित किया. दोनों पक्षों ने कई समझौतों पर हस्ताक्षर किए, जिनमें रोजगार और श्रमिकों की वापसी और दूसरा डिजिटल टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में सहयोग को बढ़ावा देना शामिल है. डिजिटल पे पर भारत मलेशिया को सहयोग करेगा।
आरजू राणा देउबा: नेपाल की विदेश मंत्री आरजू राणा देउबा नई दिल्ली में हैं. उन्होंने विदेश मंत्री एस जयशंकर के साथ व्यापार, ऊर्जा समेत कई मसले पर चर्चा की. भारत ने नेपाल को 251 मेगावाट अतिरिक्त बिजली निर्यात करने की अनुमति दे दी है. साथ ही नेपाल 28 प्रोजेक्ट से 941 मेगावाट जलविद्युत का निर्यात करेगा. सूत्रों के मुताबिक, भारत ने चीन को लेकर नेपाल को सतर्क किया है।
एडमिरल अलेक्सेयेविच मोइसेव: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के यूक्रेन दौरे से चंद दिनों पहले रूस के नौसेना प्रमुख एडमिरल अलेक्सेयेविच मोइसेव सोमवार को भारत पहुंचे. उन्होंने चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल अनिल चौहान और नौसेना प्रमुख एडमिरल दिनेश त्रिपाठी के साथ चर्चा की. रूस भारत के साथ समुद्री सहयोग बढ़ाना चाहता है. नौसैनिक सहयोग के नए रास्ते तलाश रहा है. पहले भी इस तरह की कोशिशें हुई हैं, लेकिन इस बार रूस की ओर से दबाव काफी ज्यादा है।
मैरी सिरिल एडी बोइसेजन: मॉरीशस के उपराष्ट्रपति मैरी सिरिल एडी बोइसेजन 20-22 अगस्त तक चलने वाले 19वें सीआईआई भारत-अफ्रीका व्यापार सम्मेलन में हिस्सा लेने पहुंचीं. विदेश मंत्रालय ने उनका गर्मजोशी से स्वागत किया. कहा-बोइसेजन की यात्रा दोनों देशों के बीच संबंधों में एक मील का पत्थर है. सम्मेलन का मकसद अफ्रीका का डेवलपमेंट और भारत अफ्रीका के रिश्तों को नई ऊंचाई पर ले जाना है।