नई दिल्ली : कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज में महिला डॉक्टर की दुष्कर्म के बाद हुई हत्या के मामले में स्टेटस रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट में पेश कर दी। रिपोर्ट में सीबीआई (CBI) ने बताया है कि कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज मामले में अपराध स्थल से छेड़छाड़ की गई। इस पूरे मामले में लीपापोती की कोशिश की गई। सीबीआई ने अंतिम संस्कार के बाद एफआईआर दर्ज किए जाने पर भी सवाल उठाए। सुप्रीम कोर्ट ने बीती 20 अगस्त को स्वतः संज्ञान लेकर आरजी कर कॉलेज की घटना पर सुनवाई की थी। इसी सुनवाई के दौरान कोर्ट ने सीबीआई और बंगाल सरकार से घटना की जांच पर स्टेटस रिपोर्ट अदालत में जमा करन का निर्देश दिया था।
सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ ने अपराध स्थल को सुरक्षित करने में की गई देरी पर नाराजगी जाहिर की। मुख्य न्यायाधीश ने सुनवाई के दौरान कहा कि अप्राकृतिक मौत मामले में जानकारी सुबह 10.10 बजे दी गई, जबकि अपराध स्थल को 11.45 बजे सुरक्षित किया गया। यह बेहद परेशान करने वाला तथ्य है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, आरजी कर मेडिकल कॉलेज मामले में सुप्रीम कोर्ट में बंगाल सरकार का पक्ष रखने वाली कानूनी टीम में 21 वकील शामिल हैं। वहीं केंद्र सरकार की कानूनी टीम में 5 वकील शामिल हैं।
मंगलवार को सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज की घटना पर गंभीर चिंता जताई थी और साथ ही डॉक्टर्स की सुरक्षा के लिए नेशनल टास्क फोर्स गठित करने का निर्देश दिया था। कोर्ट ने बंगाल सरकार और पुलिस को लेकर भी गंभीर सवाल उठाए। आरजी कर मेडिकल कॉलेज में अपराध स्थल को सुरक्षित न रख पाने के लिए सुप्रीम कोर्ट ने बंगाल पुलिस को फटकार भी लगाई थी।
सुप्रीम कोर्ट ने आरजी कर मेडिकल कॉलेज के पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष की कार्यशैली पर भी सवाल उठाए और पूछा कि कई घंटे बीत जाने के बाद भी प्रिंसिपल ने एफआईआर दर्ज क्यों नहीं कराई। साथ ही मृतका के शव को देखने के लिए उसके परिजनों को कई घंटे इंतजार कराए जाने पर भी सुप्रीम कोर्ट ने नाराजगी जाहिर की। आरजी कल मेडिकल कॉलेज में बीते दिनों एक महिला डॉक्टर की दुष्कर्म के बाद निर्मम तरीके से हत्या कर दी गई थी। इसे लेकर देशभर के डॉक्टर और मेडिकल छात्र विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। इंडियन मेडिकल एसोसिएशन और रेजीडेंट डॉक्टर्स के संगठन फोरडा भी इस घटना के विरोध में धरना प्रदर्शन कर रहे हैं।