वारसॉ: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पोलैंड यात्रा पूरी हो गई है और अब वह यूक्रेन के लिए रवाना हुए हैं। पीएम मोदी की पोलैंड यात्रा बेहद खास रही है। यह 45 वर्षों बाद किसी भारतीय पीएम की पहली पोलैंड यात्रा है। पीएम मोदी की यह यात्रा भारतीयों के लिए अवसर के दरवाजे खोल रही है। उनकी यात्रा शुरू होने के बाद पोलिश राजनेता और यूरोपीय संसद के सदस्य डेरियस जोंस्की ने एक बयान में कहा कि था कि उनके देश को 25000 डॉक्टर, नर्स और हेल्थकेयर स्पेशलिस्ट चाहिए। पोलैंड में हेल्थकेयर वर्कर्स की यह डिमांड हजारों भारतीयों के लिए नौकरियों का मौका पैदा करेगा।
उन्होंने कहा, ‘हम स्वास्थ्य देखभाल के बारे में बात करना चाहेंगे। हमें लगभग 25000 डॉक्टरों और स्वास्थ्य विशेषज्ञों की जरूरत है। अगर कुछ डॉक्टर और विशेषज्ञ पोलिश भाषा सीखना और परीक्षा पास करना चाहेंगे तो हम इसे लेकर बात कर सकते हैं, ताकि वह यहां काम कर सकें। हम आईटी क्षेत्र के बारे में बात करना चाहेंगे क्योंकि पोलैंड शीर्ष पांच में है और हम भारतीय कंपनियों के साथ सहयोग करना चाहेंगे।’
भारतीय विदेश मंत्रालय के मुताबिक भारत और पोलैंड का पर्याप्त द्विपक्षीय व्यापार है, जिसका मूल्य लगभग 6 अरब डॉलर है। यह पोलैंड को मध्य और पूर्वी यूरोप में भारत का सबसे बड़ा व्यापारिक भागीदार बनाता है। पोलैंड में भारतीय निवेश लगभग 3 अरब डॉलर का है। जबकि भारत में पोलिश निवेश लगभग 1 बिलियन डॉलर है। इन्फॉर्मेशन टेक्नोलॉजी, फार्मास्यूटिकल्स, विनिर्माण और इलेक्ट्रॉनिक्स समेत विभिन्न क्षेत्रों में कई भारतीय कंपनियां पोलैंड में काम करती हैं।
लगभग 30 पोलिश कंपनियां भारत में व्यापार कर रही हैं। इनमें से कुछ ने स्वच्छता उत्पादों, कॉस्मेटिक, धातु पैकेजिंग जैसे क्षेत्रों में विनिर्माण प्लांट लगाए हुए हैं। दोनों देशों के संबंधों की बात करें तो 2019 में भारत और पोलैंड के बीच सीधी उड़ान शुरू हुई। पोलैंड में बड़ी संख्या में भारतीय रहते हैं, जिनकी संख्या लगभग 25000 है। इनमें से 5000 छात्र है। पोलैंड ने 2022 में ऑपरेशन गंगा के जरिए यूक्रेन से 4000 से ज्यादा छात्रों को निकालने में सहायता की थी।