लखनऊ : मुख्तार अंसारी के बेटे विधायक अब्बास अंसारी को जमानत मिल गई है। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने जबरन जमीन का बैनामा कराने के मामले में उन्हें जमानत दे दी है। जस्टिस राजबीर की एकल पीठ ने यह फैसला सुनाया, लेकिन जमानत मिलने के बाद भी अब्बास अंसारी सलाखों से बाहर नहीं आ पाएंगे। ईडी से जुड़े एक अन्य केस में उनका मामला सुप्रीम कोर्ट में विचाराधीन है।
बता दें कि इस मामले से गाजीपुर के अबू फकर खां नाम का एक व्यक्ति जुड़ा हुआ है। अगस्त 2023 में प्राथमिकी दर्ज कराई गई थी। इस मामले में मुख्तार अंसारी, उसकी पत्नी अफसा अंसारी, विधायक बेटा अब्बास अंसारी, साले आतिफ रजा उर्फ शरजील, अनवर शहजाद और अफरोज को भी आरोपी बनाया गया था। मुख्तार अंसारी ने अपने साले को भेजकर 2012 में अबू फखर खां को लखनऊ बुलवाया। उसके बाद, उस पर जमीन देने का दबाव बनवाया। यही नहीं, जमीन ना देने पर हत्या करने की भी धमकी दी। आरोपियों ने सर्किल रेट के आधार पर 20 लाख का चेक और चार लाख का कैश देकर बैनामा कराया।
इस दौरान अफरोज, आतिफ रजा और अनवर शहजाद पीड़ित के घर पहुंचे और उसे अब्बास अंसारी के पास ले गए। अब्बास ने पिस्टल दिखाकर उसे धमकाया और जमीन अपने नाम लिखवा ली। अधिवक्ता ने अपने बयान में कहा, “मऊ से विधायक अब्बास अंसारी की बेल एप्लिकेशन थी। इस संबंध में 2023 में गाजीपुर कोतवाली में एक मुकदमा दर्ज हुआ था। उन पर आरोप था कि उन्होंने 2012 में जबरन किसी जमीन को अपने नाम लिखवा लिया था। एक तारीख को इस पर सुनवाई होने के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया गया था, मगर कोर्ट ने उन्हें जमानत दे दी, लेकिन अभी उनके खिलाफ एक और मामला सुप्रीम कोर्ट में विचाराधीन है। ऐसे में अभी वे जेल से बाहर नहीं आ पाएंगे।”