छत्रपति शिवाजी की प्रतिमा ढहने के मामले में हुई पहली गिरफ्तारी, स्ट्रक्चर कंसल्टेंट चेतन पाटिल गिरफ्तार
मुंबई: महाराष्ट्र के सिंधुदुर्ग जिले के मालवण तहसील में राजकोट किला परिसर में स्थापित 17वीं सदी के मराठा साम्राज्य के संस्थापक छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा 26 अगस्त को यह ढह गई। जिसके बाद राज्य में राजनीतिक तूफान खड़ा हो गया है। इस 35 फुट ऊंची प्रतिमा का अनावरण प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने किया था। अनावरण किए जाने के करीब नौ महीने बाद मुर्ति के ढहने को लेकर सरकार पर विपक्ष सरकार पर हमलावार है। इस बीच जानकारी सामने आई है कि शिवाजी की प्रतिमा ढहने के मामले में दर्ज प्राथमिकी में नामजद संरचना सलाहकार चेतन पाटिल को कोल्हापुर से गिरफ्तार किया गया। पुलिस के एक अधिकारी ने यह जानकारी दी है।
कोल्हापुर के पुलिस अधीक्षक महेंद्र पंडित ने बताया कि पाटिल को बृहस्पतिवार देर रात हिरासत में लेने के बाद पूछताछ के लिए सिंधुदुर्ग पुलिस को सौंप दिया गया। सिंधुदुर्ग पुलिस ने बताया कि पाटिल को गिरफ्तार कर लिया गया है। कोल्हापुर के रहने वाले पाटिल ने बुधवार को दावा किया था कि वह इस परियोजना के लिए संरचना सलाहकार नहीं थे। मामले से जुड़ी प्राथमिकी में पाटिल को कलाकार जयदीप आप्टे के साथ नामजद किया गया।
प्रतिमा से कोई लेना-देना नहीं
मराठी समाचार चैनल ‘एबीपी माझा’ से बातचीत में पाटिल ने कहा था कि उन्होंने राज्य के लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) के माध्यम से भारतीय नौसेना को मंच का डिजाइन सौंपा था, लेकिन उनका प्रतिमा से कोई लेना-देना नहीं था। पाटिल ने कहा था, “ठाणे स्थित एक कंपनी ने प्रतिमा से जुड़ा काम किया। मुझसे सिर्फ उस मंच पर काम करने के लिए कहा गया था, जिस पर प्रतिमा खड़ी की जानी थी।”
घटना की जांच के लिए समिति गठित
महाराष्ट्र सरकार ने तटीय कोंकण क्षेत्र के मालवण में शिवाजी महाराज की प्रतिमा के ढहने के कारणों का पता लगाने के लिए इंजीनियर, भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) के विशेषज्ञों और नौसेना अधिकारियों की एक तकनीकी समिति गठित की है। छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा ढहने की घटना को लेकर आलोचनाओं से घिरे महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कहा कि यदि जरूरत पड़ी तो घटना के लिए माफी मांगने में संकोच नहीं करेंगे। शिंदे ने कहा था, “छत्रपति शिवाजी महाराष्ट्र के संरक्षक देवता हैं। मैं 100 बार उनके पैर छूने और (मूर्ति टूटने की घटना के लिए) माफी मांगने को तैयार हूं। मैं माफी मांगने से पीछे नहीं हटूंगा। हमारी सरकार उनके (शिवाजी के) आदर्शों को ध्यान में रखकर काम करती है।”
क्या है मामला
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पिछले साल चार दिसंबर को नौसेना दिवस के मौके पर सिंधुदुर्ग की मालवण तहसील स्थित राजकोट किले में 17वीं सदी के मराठा योद्धा छत्रपति शिवाजी महाराज की 35 फुट ऊंची प्रतिमा का उद्घाटन किया था, जो सोमवार को दोपहर एक बजे के आसपास ढह गई थी। इस घटना से मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली महाराष्ट्र सरकार को शर्मिंदगी उठानी पड़ी थी और उसे विपक्षी दलों की आलोचनाओं और विरोध-प्रदर्शन का सामना करना पड़ा था