नई दिल्ली: किसी भी देश के विकास में लघु उद्योगों (Small Industry) की अहम भूमिका होती है। लघु उद्योग के बिना कोई भी देश प्रगति नहीं कर सकता है। छोटे व्यवसायों के महत्व और योगदान को पहचानने के लिए देश हर साल 30 अगस्त को ‘नेशनल स्मॉल इंडस्ट्री डे’ (National Small Industry Day) मनाता है। देश की अर्थव्यवस्था में लघु उद्योग क्षेत्र एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।’नेशनल स्मॉल इंडस्ट्री डे’ देश भर में उस क्षेत्र के विकास और विकास को प्रोत्साहित करने के लिए मनाया जाता है, जो देश की अर्थव्यवस्था के ग्रॉस इंडस्ट्रियल वैल्यू में 40 फीसदी तक का योगदान देता है।
जानिए इस दिवस से जुड़ी जानकारियां
प्राप्त जानकारी के अनुसार, ‘राष्ट्रीय लघु उद्योग दिवस’ भारत में लघु उद्योगों को बढ़ावा देने के साथ ही देश के युवाओं के लिए रोजगार उपलब्ध करवाने के लिहाज से मनाया जाता है।गौरतलब है कि, किसी भी देश के विकास में लघु उद्योगों की अहम भूमिका होती है। ऐसे में भारत में राष्ट्रीय लघु उद्योग दिवस लोगों को लघु उद्योग के महत्व को समझाने के लिए सबसे बेहतर विकल्प के रूप में देखा जाता है। इस खास दिन पर आइए जानें, राष्ट्रीय लघु उद्योग दिवस और क्या है इस दिन का इतिहास।
जानकारों की मानें तो, भारत सरकार के द्वारा लघु उद्योगों की स्थापना करने और देश में इनके विकास को लेकर कई तरह के प्रयास किए जाते हैं, क्योंकि किसी भी देश की तरक्की की राह में लघु उद्योगों का खास योगदान होता है। लघु उद्योगों के इसी महत्व को जन-जन तक पहुँचाने के लिहाज से हर साल 30 अगस्त को राष्ट्रीय लघु उद्योग दिवस, यानि ,’नेशनल स्मॉल इंडस्ट्री डे’ के रूप में सेलिब्रेट किया जाता है।
राष्ट्रीय लघु उद्योग दिवस की शुरुआत साल 2000 में हुई थी। साल 2000 में मिनिस्ट्री ऑफ स्माल स्केल इंडस्ट्री (SSI) ने छोटे व्यवसायों को बढ़ावा देने और उन्हें आवश्यक सहायता प्रदान करने के लिए एक व्यापक नीति शुरू करने की घोषणा की थी। इस नीति पैकेज के शुरू होने के बाद यह सफल रहा और इससे भारत में छोटे उद्योगों के विकास को बढ़ावा देने में मदद मिली। भारत सरकार ने 30 अगस्त 2000 को लघु उद्योग के लिए एक व्यापक नीति पैकेज पेश किया था। तब से हर साल भारतीय अर्थव्यवस्था में छोटे उद्योगों के महत्व को पहचानने के लिए राष्ट्रीय लघु उद्योग दिवस मनाया जाता है। इस दिन का महत्व देश में बढ़ रही बेरोजगारी को कम करना और युवाओं को लघु उद्योगों के बारे में जागरूक करना है। ताकि आगे चलकर लोग लघु उद्योग के महत्व को समझ सके और इसे बढ़ाने में अपना योगदान दे सकें।