‘भारत से सीखे पाकिस्तान’, इमरान खान ने चुनावों से पहले सरकार को दी ये नसीहत

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नई दिल्ली : पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री और पीटीआई संस्थापक इमरान खान ने आरोप लगाया है कि मौजूदा प्रधानमंत्री शाहबाज शरीफ को यदि पद से हटा दिया जाता है और प्लान बी को लागू किया जाता है तो उनका भी अपहरण हो सकता है. अदियाला जेल में बीते रोज गुरुवार को अनौपचारिक बातचीत के दौरान इमरान खान ने कहा कि मौजूदा सरकार की प्राथमिकता यही है कि वह देश की सबसे बड़ी राजनीतिक पार्टी को खत्म करे.

इमरान खान का दावा है कि उन्हें राजनीतिक साजिश के तहत जेल भेजा गया है. अपने आरोपों को खारिज करते हुए इमरान खान ने पाकिस्तान सरकार पर उनकी पार्टी और उनके समर्थकों के खिलाफ कार्रवाई करने के आरोप लगाए. इतना ही नहीं उन्होंने चुनाव को लेकर पाकिस्तान सरकार को नसीहत दे दी है कि उन्हें भारत से सीखने की जरूरत है.

इस बातचीत में इमरान खान ने इस दावे को भी इंकार कर दिया कि उन्होंने पार्टी के नेताओं से बाहर निकलने को कहा है. उन्होंने इस बात पर जोर देते हुए कहा कि सुरक्षा के लिहाज से उनके नेता सार्वजनिक रूप से बाहर न निकले. इतना ही नहीं उन्होंने लाहौर में पीटीआई अध्यक्ष समेत कई हस्तियों के अपहरण का हवाला दिया और आने वाली खतरनाक स्थिति के बारे में भी पार्टी के सदस्यों को आगाह किया.

इमरान खान का आरोप है कि पाकिस्तान सरकार, मुख्य न्यायाधीश काजी फैज ईसा के साथ मिलकर उनकी पार्टी के चुनावी जनादेश को कमजोर करने के साजिश रच रही है. यह भी दावा किया कि पिछले 6-7 महीनो से निर्वाचन क्षेत्र खोलने में अड़चन पैदा कर रहे हैं. सरकार की आलोचना करते हुए इमरान खान ने यह कहा कि पाकिस्तान एक “बनाना रिपब्लिक” देश की तरह बन गया है, जहां के लोगों को अपने शासकों पर यकीन ही नहीं है.

इमरान खान ने कहा कि देश में चुनावों में ट्रांसपेरेंसी होनी चाहिए, इससे शांति पैदा होती है. उन्होंने भारत में हुए लोकसभा चुनाव का हवाला देते हुए कहा कि वहां बिना किसी की आपत्ति के 65 करोड़ लोगों ने वोट दिया. इतना ही नहीं पाकिस्तान में भी इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन शुरू करने की बात कही. वह ऐसी शुरुआत करने वाले थे, लेकिन पूर्व सेना प्रमुख और चुनाव आयोग ने उन्हें रोक दिया. यही नहीं इमरान खान ने इस्लामाबाद में होने वाली 8 सितंबर की रैली में लोगों को सड़कों पर उतरने की अपील भी की.

इमरान कहा कि पाकिस्तान सरकार ने आतंकवाद के मुद्दे पर पीटीआई को जिम्मेदार ठहराया था, वह उसकी कड़ी आलोचना करते हैं. उन्होंने सरकार से सवाल किया कि क्या सरकार बलूचिस्तान में हो रहे आतंकवाद के लिए भी पीटीआई को ही जिम्मेदार मानती है. उन्होंने बलूचिस्तान में बढ़ रही खतरनाक स्थिति पर चिंता जाहिर की. कहा कि बलूचिस्तान में लोग अशांति फैला रहे हैं, जो स्थानीय लोगों के लिए सही नहीं है.

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