जोड़ों के दर्द से परेशान हैं, तो आजमाएं ये आर्युवेद के उपाय

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नई दिल्ली : फिट और हेल्दी रहने के लिए हड्डियों की मजबूती बहुत जरूरी है। लंबे समय तक एक ही पोश्चर (Posture) में बैठे रहने से हड्डियों में दर्द होने लगता है। उम्र बढ़ने के साथ-साथ हड्डियों की समस्या बढ़ती जाती है। ज्यादातर लोग घुटनों के दर्द से बहुत परेशान रहते हैं। पुरुषों की तुलना में महिलाओं में हड्डी से जुड़ी बीमारियां ज्यादा होती है। आमतौर पर महिलाओं में विटामिन D की कमी पाई जाती है, खासतौर से 35 की उम्र के बाद।

इससे निजात पाने के लिए लोग तरह-तरह की दवाइयां लेते हैं। यहां तक कि कुछ लोगों को दर्द से छुटकारा पाने के लिए ऑपरेशन भी कराना पड़ता है। आयुर्वेद में कुछ खास तरीके बताए गए हैं जो दर्द दूर करने के साथ हड्डियों को मजबूत बनाने का काम करते हैं।

हड्डियों के कमजोर होने के कई कारण हो सकते है। जैसे कि हार्मोन में बदलाव, मेटोबॉलिज्म (metabolism) का धीमा हो जाना, डिलीवरी या फिर मेनोपॉज के बाद हड्डियों (metabolism) का घनत्व कम हो जाता है। इसकी वजह से घुटने का दर्द, जोड़ों में दर्द, सूजन, और जकड़न जैसी समस्याएं होने लगती हैं। ये सारी चीजें हड्डियों को नुकसान पहुंचाने का काम करती हैं।

हड्डियों की समस्या महिलाओं में ज्यादा होती है इसलिए उन्हें कैल्शियम वाली डाइट ज्यादा लेनी चाहिए। इसके अलावा नियमित रूप से योग करने से लाभ मिलता है। हड्डियों को कमजोर होने से बचाने के लिए आयुर्वेद में सभी उम्र की महिलाओं को कुछ प्राकृतिक जड़ी-बूटियों का सेवन करने की सलाह दी गई है।

आयुर्वेद एक्सपर्ट्स के अनुसार, शतावरी, अश्वगंधा, अशोक, ब्राह्मी और हल्दी, शुद्ध गुग्गुल जैसी जड़ी-बूटियां स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद हैं और इनका सेवन हर दिन किया जाना चाहिए। ये सभी चीजें हड्डियों को नेचुरल कैल्शियम देती हैं और इन्हें कमजोर होने या फिर टूटने से बचाती हैं।

35 साल की उम्र के बाद महिलाओं को गेहूं से परहेज करना चहिए और डाइट में बाजरा की रोटियां शामिल करनी चाहिए। इसके अलावा तिल खाना भी महिलाओं के लिए फायदेमंद रहता है। आयुर्वेद के मुताबिक महिलाओं की डाइट में 60 फीसदी सब्जियां और 40 फीसदी प्रोटीन होना जरूरी है। हर दिन डाइट से आपको 1,000mg से 1,200 mg तक कैल्शियम लेना जरूरी है।

आयुर्वेद में हड्डियों की मजबूती के लिए हर किसी को 5 नेचुरल फूड डाइट में शामिल करनी की सलाह दी गई है। ये सारी चीजें शरीर में कैल्शिमय पहुंचाने का काम करती हैं। इनमें सबसे पहली चीज है सेसमी सीड्स यानी तिल। हर दिन सुबह पानी के साथ एक चम्मच तील खाना चाहिए। ये कैल्शियम का सबसे अच्छा स्रोत है।

इसके अलावा हर 5 से 10 भीगे हुए बादाम खाने चाहिए। पालक में खूब सारा कैल्शियम होता है। सूप, सब्जी या सलाद की तरह किसी ना किसी रूप में पालक को शामिल करना चाहिए। आयुर्वेद में कैल्शियम के लिए अंजीर खाने की सलाह दी गई है। एक कप सूखे अंजीर को रात भर भिगो दें और फिर उसकी स्मूदी बनाकर अगली सुबह दूध के साथ लें। रागी का दलिया या फिर पैनकेक बनाकर नाश्ते या लंच में खाएं।

हड्डियों को नुकसान से पहुंचाने के लिए आयुर्वेद में कुछ खास फूड से परहेज करने की भी सलाह दी गई है। गेहूं, मैदा, रेड मीट, खट्टा और फर्मेंटेड, अचार और डिब्बाबंद फूड (canned food) से परहेज करने को कहा गया है। आयुर्वेद के मुताबिक ये सारी चीजें मेटाबॉलिज्म को कमजोर करने का काम करती हैं।

आयुर्वेद में चाय, कॉफी, सोडा और कोला का सेवन कम से कम करने को कहा गया है क्योंकि यह सारी चीजें कैल्शियम के अवशोषण को कम करती हैं और हड्डियों को नुकसान पहुंचाती हैं। इसके अलावा बहुत ज्यादा शराब पीने से भी बचना चाहिए, क्योंकि इससे हड्डियों का घनत्व कम हो जाता है।

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