नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मंगलवार को ब्रुनेई और सिंगापुर के दौरे पर रवाना हुए हैं. विदेश मंत्रालय के सचिव जयदीप मजूमदार ने सोमवार को जानकारी दी कि पीएम ब्रुनेई के सुल्तान हाजी हसनल बोलकिया के न्योते पर ब्रुनेई जा रहे हैं और यहां वे दो दिनों तक रहेंगे. ब्रुनेई कोई आम देश नहीं है , यहां की रॉयल फैमिली और कानून की चर्चा दुनिया भर में है.
पीएम मोदी के इस दौरे की एक खास बात ये भी है कि दोनों देशों के डिप्लोमेटिक संबंधों के 40 सालों में ये किसी भारतीय प्रधानमंत्री का पहला ब्रुनेई दौरा है. ब्रुनेई एशिया का पहला ऐसा देश जहां शरिया कानून लागू है. यहां के सुल्तान जितना अपनी जनता को खुश रखते हैं और उनको तमाम सुख सुविधाएं देते हैं, उतना ही यहां का कानून भी सख्त है. 2014 में सुल्तान हाजी हसनल बोलकिया ने देश में शरिया कानून लागू किया था. जिसके बाद से देश में रेप, चोरी, LGBTQ में लिप्त लोगों के खिलाफ कठोर सजा देने का प्रावधान है. कई पश्चिमी देशों और संस्थाओं ने शरिया कानून के बाद ब्रुनेई सुल्तान का विरोध भी किया, लेकिन सुल्तान अपने कदम पर अड़े रहे.
ब्रुनेई में शरिया कानून के हिसाब से सजा दी जाती है. यहां तालिबान और अरब के कुछ देशों जैसे ही कानून है, चोरी करते हुए पकड़े जाने पर चोर के हाथ काट दिए जाते हैं और रेप की सजा भी यहां मौत है. LGBTQ की सजा यहां पत्थरों से मार मारकर मौत है. ब्रुनेई के इन कानूनों को लेकर उसके खिलाफ अंतरराष्ट्रीय संगठनों में नाराजगी भी दिखती रहती है, लेकिन सुल्तान हाजी हसनल बोलकिया अपने तानाशाही रवैये से पीछे हटने को राजी नहीं.
सुल्तान हसनल बोल्कैया के परिवार की देश में काफी निजी संपत्ति है. सुल्तान देश की जनता को भी विभिन्न सरकारी योजनाओं के तहत मुफ्त में जमीन और घर देते हैं. यहां के नागरिकों से कोई टैक्स नहीं वसूला जाता और उनकी पूरी कमाई पर उन्हीं का हक़ होता है, ऊपर से सरकार उनके काम को बढ़ाने के लिए कई सुविधाएं भी देती है.
ब्रुनेई साउथ ईस्ट एशिया का एक अमीर और छोटा देश है. यहां की आबादी 5 लाख से भी कम है, यहां की औसत आयु पुरुषों की 73 और महिलाओं की 75 है. ब्रुनेई को ब्रिटेन से पूरी तरह आजादी 1984 में मिली, ये ASEAN का हिस्सा है. दक्षिण चीन सागर इसके उत्तर में स्थित है और मलेशिया इसके पूर्व, पश्चिम और दक्षिण में है. यहां की सरकार की आय का मुख्य स्रोत ऑयल और गैस है, इसका निर्यात देश की GDP में 80 फीसद योगदान देता है.