भारत को जल्द ही मिलने वाला है रूस से महाविनाशक जंगी जहाज, जानें इसकी ताकत

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मॉस्को: भारतीय नौसेना की ताकत में जल्द ही बड़ा इजाफा होने जा रहा है। भारत (India) के लिए रूस (Russia) में दो तलवार-क्लास स्टील्थ जंगी जहाज तैयार किए जा रहे हैं, जिनमें से एक इसी महीने नौसेना के पास पहुंचने वाला है। ये जहाज सुपरसोनिक मिसाइलों से लैस होगा। मॉस्को और नई दिल्ली ने 2018 में एक अनुबंध पर हस्ताक्षर किए थे, जिसके तहत रूस चार जंगी जहाज भारत को देगा। इनमें से दो जहाज का निर्माण रूस में होना है, जबकि बाकी दो मेक इन इंडिया पहले के तहत भारत में बनाएं जाएंगे। रूसी समाचार एजेंसी आरआईए नोवोस्ती ने बताया कि ये युद्धपोत ब्रह्मोस मिसाइलों से लैस होंगे, जिन्हें भारत और रूस ने मिलकर विकसित और निर्मित किया है।

ब्रह्मोस एक क्रूज मिसाइल है, जिसमें जहाज-रोधी और जमीन पर हमला करने की क्षमता है। इसकी रेंज 290 किलोमीटर है और समुद्र तल पर 1235 किलोमीटर प्रति घंटे की सुपरसोनिक स्पीड से उड़ान भरने में सक्षम है। भारत ने ब्रह्मोस मिसाइल का निर्यात भी शुरू किया है और इसी साल फिलीपींस इसे हासिल करने वाला पहला देश बना है। दक्षिणी चीन सागर में चीन के साथ समुद्री विवाद में उलझे फिलीपींस को इसी अप्रैल में ब्रह्मोस मिसाइल की पहली खेप मिली थी। मनीला ने ब्रह्मोस को गेम-चेंजर बताया है।

भारत को मिलने वाले तलवार क्लास फ्रिगेट का विस्थापन 3800 टन से अधिक है। यह दुश्मन के सतही जहाजों और पनडुब्बियों पर हमला करने के साथ ही हवाई खतरों का मुकाबला करने में सक्षम है। यह जंगी जहाज नौसेना की तोप, जहाजरोधी और वायु रक्षा मिसाइल प्रणालियों और टॉरपीडो से लैस होगा। चार फ्रिगेट में से पहला इस महीने ही स्थानांतरित होने वाला है, जबकि दूसरा जंगी जहाज अगले साल फरवरी तक मिलेगा। तीसरे और चौथे जहाज का निर्माण भारत में होना है, जो क्रमशः 2026 और अगले छह महीने बाद सौंपे जाएंगे।

रूस भारत को हथियारों का प्रमुख आपूर्तिकर्ता रहा है। साल 2019 और 2023 के बीच क्रेमलिन के हथियार निर्यात का 36 प्रतिशत हिस्सा भारत के पास आया था। हालांकि, कुछ रिपोर्टों में कहा गया है कि भारत ने पुराने रूसी शस्त्रागार का उपयोग कम करना शुरू कर दिया है और मॉस्को से बड़े हथियारों के ऑर्डर रोक दिए हैं। फिलहाल, बीजिंग के युद्धपोतों के बेड़े के विस्तार ने नई दिल्ली को चिंतित किया है। चीनी नौसेना ने हिंद महासागर में अपनी गतिविधि बढ़ाई है। यह एक ऐसा क्षेत्र है जिसे भारत अपने बैकयार्ड के रूप में देखता है। चीन की सेना इस समय दुनिया की सबसे बड़ी नौसेना है, जिसके पास 370 जहाज हैं। चीन के पास तीन विमानवाहक पोत हैं। ऐसे में भारत को चीन का मुकाबला करने के लिए अपने जंगी बेड़े को मजबूत करने की जरूरत महसूस हो रही है।

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