नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के रूस और यूक्रेन दौरे के बाद राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल इस हफ्ते रूस की यात्रा पर जाएंगे. उनके इस दौरे में उम्मीद की जा रही है कि रूस और यूक्रेन संघर्ष के समाधान के लिए चर्चा हो सकती है. डोभाल मुख्य रूप से BRICS (ब्राजील-रूस-भारत-चीन-दक्षिण अफ्रीका) समूह के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों के समिट में हिस्सा लेने के लिए रूस जा रहे हैं.
ये समिट उस समय हो रही है जब रूस और यूक्रेन के बीच शांति की कोशिशों को नए सिरे से शुरू करने का प्रयास किया जा रहा है. इस यात्रा के दौरान उनके अपने रूसी समकक्ष के साथ भी बातचीत की उम्मीद है और क्षेत्र में शांति लाने के तरीकों पर चर्चा करने की संभावना है. शुक्रवार को इटली की प्रधानमंत्री जियोर्जिया मेलोनी ने यूक्रेनी राष्ट्रपति जेलेंस्की से चर्चा करने के बाद कहा था कि इस संघर्ष का समाधान ढूंढने के लिए चीन और भारत अहम रोल निभा सकते हैं.
रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने गुरुवार को एक पैनल चर्चा में बोलते हुए भारत, ब्राजील और चीन को संभावित मध्यस्थों के रूप में नामित किया था. पुतिन ने इन देशों के लिए कहा था कि संघर्ष को हल करने में ये देश अपनी भूमिका निभा सकते हैं. जब पुतिन से पूछा गया कि रूस यूक्रेन युद्ध में ऐसे कौन से देश हैं जो मध्यस्थ की भूमिका निभा सकते हैं तो उन्होंने कहा, “सबसे पहले, यह चीन, ब्राजील और भारत हैं- मैं अपने सहयोगियों के संपर्क में हूं. इन देशों के नेता और हमारे बीच विश्वास और भरोसे के संबंध हैं, मुझे कोई शक नहीं कि ये संघर्ष विराम के लिए असल में रुचि लेंगे और मदद करेंगे.”
राष्ट्रपति वोलोडिमिर ज़ेलेंस्की के साथ अपनी बातचीत में पीएम मोदी ने कहा था कि यूक्रेन और रूस को बिना समय बर्बाद किए साथ बैठकर इस युद्ध को खत्म करना चाहिए और भारत इस क्षेत्र में शांति बहाल करने में सक्रिय भूमिका निभाने के लिए तैयार है. प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत संघर्ष की शुरुआत से ही शांति के पक्ष में रहा है और वह इसे दूर करने के लिए व्यक्तिगत रूप से भी योगदान देना चाहेगा.