लखनऊ : योगी सरकार ने गोवर्धन पूजा के अवसर पर गोआश्रय स्थलों में भव्य गोपूजन का आयोजन सुनिश्चित करने के निर्देश जारी किए हैं। इस पूजा में गायों के प्रति श्रद्धा और सम्मान व्यक्त करने के लिए सभी आवश्यक व्यवस्थाओं को प्राथमिकता दी जाएगी। निर्देशों के अनुसार अस्थायी गोआश्रय स्थलों, गोसंरक्षण केंद्रों, कान्हा गोशाला और कांजी हाउस में जहां निराश्रित गोवंश संरक्षित हैं, वहां सफाई और स्वच्छता के साथ-साथ स्वच्छ पेयजल की उपलब्धता भी सुनिश्चित की जाएगी।
योगी सरकार ने सभी जनपदों के अधिकारियों को निर्देशित किया है कि गोवर्धन पूजा से पहले इन स्थलों पर विशेष सफाई अभियान चलाया जाए। यह सुनिश्चित किया जाएगा कि पूजा समारोह में जनप्रतिनिधियों (मंत्री, सांसद-विधायक आदि) की उपस्थिति हर हाल में हो। इस अवसर पर गोवंश की सेवा और संरक्षण को बढ़ावा देने के लिए विशेष कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। यूपी सरकार द्वारा दीपावली, धनतेरस, गोवर्धन पूजा के मौके पर गाय के गोबर से बने दीपों, मूर्तियों और अन्य उत्पादों का उपयोग करने पर जोर दिया जा रहा है। सरकार ने इन उत्पादों के प्रचार-प्रसार के साथ-साथ बाजारों में उनकी उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए भी कदम उठाने की योजना बनाई है। दीपावली के त्योहार को देखते हुए नगरीय क्षेत्रों में निराश्रित गोवंश के संरक्षण के लिए विशेष अभियान चलाया जा रहा है।
इसका उद्देश्य न केवल गोवंश की सुरक्षा करना है, बल्कि लोगों में गाय के प्रति संवेदनशीलता और श्रद्धा को भी जागृत करना है। योगी सरकार के इस कदम से गोवंश के संरक्षण में वृद्धि के साथ-साथ इसे धार्मिक और सांस्कृतिक दृष्टि से भी महत्वपूर्ण माना जा रहा है। सरकार की ओर से जारी निर्देशों के तहत, सभी जनपदों में गोवर्धन पूजा के अवसर पर विशेष आयोजन किए जाएंगे। इन आयोजनों में विशेष रूप से गोवंश की पूजा-अर्चना, उनके प्रति प्रेम और स्नेह व्यक्त करने का कार्यक्रम शामिल होगा। पूजा के अवसर पर विभिन्न आध्यात्मिक व सांस्कृतिक गतिविधियां भी होंगी।
गौरतलब है कि गोवर्धन पूजा भारतीय संस्कृति का एक अभिन्न हिस्सा है, जो न केवल धार्मिक आस्था, बल्कि गोवंश के प्रति समाज की संवेदनशीलता को भी दर्शाता है। योगी सरकार का यह कदम इस दिशा में एक सकारात्मक पहल है, जिससे गोवंश के संरक्षण के साथ-साथ सांस्कृतिक विरासत को भी संजोने का प्रयास किया जा रहा है। योगी सरकार के प्रयासों से गोवर्धन पूजा इस बार विशेष धूमधाम से मनाई जाएगी, जो गोवंश की सुरक्षा और सम्मान का प्रतीक बनेगी।