यूपी डीजीपी के 2 साल के कार्यकाल पर अखिलेश का तंज, व्यवस्था बनाने वाले खुद 2 साल रहेंगे या नहीं

0 348

लखनऊ: यूपी डीजीपी के 2 साल के कार्यकाल के फैसले पर सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने तंज किया है। अखिलेश ने एक्स हैंडल पर पोस्टकर कर लिखा है कि सुना है किसी बड़े अधिकारी को स्थायी पद देने और और उसका कार्यकाल 2 साल बढ़ाने की व्यवस्था बनायी जा रही है… सवाल ये है कि व्यवस्था बनानेवाले ख़ुद 2 साल रहेंगे या नहीं। कहीं ये दिल्ली के हाथ से लगाम अपने हाथ में लेने की कोशिश तो नहीं है।

दरअसल, उत्तर प्रदेश में पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) पद पर तैनाती के लिए नई नियमावली बना दी गई है। इसे सोमवार को कैबिनेट से मंजूरी भी मिल गई है। अब डीजीपी की नियुक्ति के लिए एक मनोनयन समिति का प्रावधान किया गया है। समिति के अध्यक्ष हाईकोर्ट के रिटायर न्यायाधीश होंगे। साथ ही समिति में प्रदेश के मुख्य सचिव, संघ लोक सेवा आयोग और यूपी लोक सेवा आयोग से नामित एक-एक व्यक्ति, अपर मुख्य सचिव गृह और एक रिटायर डीजीपी भी होंगे।

नियमावली में तय किया गया है कि डीजीपी पर उसी अधिकारी की नियुक्ति की जाएगी जिनकी सेवा अवधि कम से कम छह महीने अवश्य शेष हो। इसके साथ ही डीजीपी का न्यूनतम कार्यकाल दो साल तक होना चाहिए। डीजीपी की नियुक्ति होने पर उन्हें कम से कम दो साल तक कार्यकाल जरूर प्रदान किया जाए। अगर तैनाती के बाद उनकी सेवा अवधि छह महीने ही शेष है तो सेवा अवधि को बढ़ाया जा सकता है। अगर नियुक्त डीजीपी किसी अपराधिक मामले या भ्रष्टाचार अथवा अपने कर्तव्यों का पालन करने में अक्षम साबित हुए तो सरकार उन्हें दो वर्ष का कार्यकाल पूरा होने से पहले ही हटा सकती है।

डीजीपी को उनके पद से हटाने के लिए संबंधित प्रावधानों में भी हाईकोर्ट के निर्देशों का पालन किया जाना जरूरी होगा। नियमावली के मुताबिक डीजीपी पद पर वे ही अधिकारी चुने जाएंगे जो वेतन मैट्रिक्स के स्तर 16 में पुलिस महानिदेशक के पद पर कार्यरत हो।

नोट: अगर आपको यह खबर पसंद आई तो इसे शेयर करना न भूलें, देश-विदेश से जुड़ी ताजा अपडेट पाने के लिए कृपया Vnation के Facebook पेज को LikeTwitter पर Follow करना न भूलें...
Leave A Reply

Your email address will not be published.