20 साल बाद UP में फिर लौट आई खतरनाक बीमारी, अलर्ट हुआ हेल्थ डिपार्टमेंट

0 17

लखनऊः उत्तर प्रदेश में फिर एक बार खतरनाक बीमारी ने दस्तक दे दी है. लखनऊ में एक 17 साल का लड़का ‘कालाजार’ का शिकार हो गया. डॉक्टर्स के कहना है कि दुर्लभ बीमारी का पहला केस 20 साल बाद पहली बार सामने आया है. जिसके बाद स्वास्थ्य विभाग सतर्क हुआ और मरीज के घर से आधा किलोमीटर दूर तक के घरों में किटनाशक का छिड़काव किया गया. जिससे कि किसी अन्य व्यक्ति को यह संक्रमण न फैले. हैरान करने वाली बात ये है कि मरीज की कोई ट्रैवल हिस्ट्री नहीं है.

रिपोर्ट के मुताबिक, लखनऊ के त्रिवेणीनगर में कालाजार रोग का एक मामला सामने आया है. मरीज 17 साल का लड़का है उसने बीते कई दिनों से आस-पास के इलाके में कोई यात्रा नहीं की है. वह एक महीने से अधिक समय से रुक-रुक कर हल्का बुखार और सुस्ती से पीड़ित था. एरा के लखनऊ मेडिकल कॉलेज और अस्पताल ने पुष्टिकरण प्रयोगशाला रिपोर्ट के बाद मामले की रिपोर्ट की. फिलहाल मरीज स्थिर है और अपने घर पर ठीक हो रहा है. राज्य स्वास्थ्य विभाग, डब्ल्यूएचओ की एक टीम ने मंगलवार को मरीज का चेकअप किया. इलाके में इस बीमारी को फैलने से रोकने के लिए माइक्रो-प्लान शुरू किया.

टीम ने रोगी के घर और उसके घर के 500 मीटर के दायरे में अन्य घरों में इनडोर अवशिष्ट कीटनाशक स्प्रे का छिड़काव कराया. राष्ट्रीय वेक्टर जनित रोग नियंत्रण कार्यक्रम के संयुक्त निदेशक डॉ. एके चौधरी ने मामले पर कहा कि, कालाजार शहर में कम से कम 2003 के बाद से अपनी तरह का पहला मामला है. खास बात ये है कि कालाजार के छिटपुट मामले कहीं से भी सामने आ सकते हैं, क्योंकि बीमारी पैदा करने वाला सैंडफ्लाई एक आम कीट है. प्रोटोकॉल के अनुसार रोकथाम के उपाय शुरू किए गए हैं.

संक्रमण के बारे में डॉ. चौधरी ने कहा कि, रोगी ने किसी भी जिले की यात्रा नहीं की है या उसके घर या पड़ोस में कोई बाहरी व्यक्ति भी नहीं आया. उसका प्रभावित इलाकों से कोई संबंध नहीं है. न ही रोगी के परिवार या पड़ोस में कोई जानवर या मवेशी है. यह एक छिटपुट मामला है. जिससे बड़ी संख्या में लोगों को कोई खतरा नहीं है. डॉ. चौधरी ने कहा कि आम सैंडफ्लाई की वजह से यह बीमारी होती है. इसलिए, स्वच्छता बनाए रखना जरूरी है. डॉ. चौधरी ने कहा कि, साल 2019 से यूपी में यह बीमारी एक सार्वजनिक स्वास्थ्य समस्या के रूप में खत्म हो चुकी है.

कालाजार एक गंभीर बीमारी है जो लीशमैनिया पैरासाइट के कारण होती है. यह बीमारी मुख्य रूप से मध्य पूर्व, अफ्रीका, भारत और दक्षिण अमेरिका में पाई जाती है. कालाजार के लक्षण- बुखार, थकान, वजन कम होना, अनीमिया, त्वचा का पीलापन, लीवर और प्लीहा में सूजन, हड्डियों और जोड़ों में दर्द, खांसी हैं.

नोट: अगर आपको यह खबर पसंद आई तो इसे शेयर करना न भूलें, देश-विदेश से जुड़ी ताजा अपडेट पाने के लिए कृपया Vnation के Facebook पेज को LikeTwitter पर Follow करना न भूलें...
Leave A Reply

Your email address will not be published.