नई दिल्ली : मनुष्य के जीवन जैसे जैसे उम्र बढ़ती जाती है उसी अनुसार बीमारियां (diseases) भी घेरने लगती है। बढ़ती उम्र के साथ कई लोगों को जोड़ों का दर्द (Joint Pain) अपनी जकड़ में लेने लगता है जिससे काफी तकलीफ होती है और इंसान बेहद परेशान हो जाता है जोड़ों और गठिया (Arthritis) के दर्द से आराम चाहते हैं तो अपने फूड हैबिट्स का जरूर ध्यान रखें।
आज गठिया के भारत में करोड़ों लोग इसके शिकार हैं। यह ऐसी बीमारी है, जिसमें लोग जोड़ों में अधिक दर्द महसूस करते हैं। इसके साथ-साथ इस बीमारी में सूजन और अकड़न भी होती है। हालांकि गठिया के कई प्रकार है, जिसमें से एक ऑस्टियोआर्थराइटिस है, जो जोड़ों को प्रभावित करता है। वहीं, रूमेटाइड आर्थराइटिस भी गठिया का एक दूसरा प्रकार है, जो जोड़ों के साथ-साथ रोग प्रतिरोधक क्षमता को भी प्रभावित करता है।
कई रिसर्च से पता चला है कि जो लोग नियमित रूप से खाने में लहसुन (Garlic) और प्याज (Onion) लेते हैं उनमें गठिया होने की संभावना कम हो जाती है। इसके अलावा, जोड़ों के दर्द में प्राकृतिक इलाज भी काफी फायदेमंद होता है. इस रोग का उपचार करने में तुलसी (Tulsi) बड़ी कारगर भूमिका निभाती है क्योंकि तुलसी में प्राकृतिक गुण होता है, इसका तेल बनाकर दर्द वाली जगह लगाने से तुरंत आराम मिलता है।
हॉट और कोल्ड थैरेपी जोड़ों के दर्द में काफी आरामदेहक साबित होती है। एक पतीले में पानी गर्म करके उसमें एप्सम सॉल्ट मिलाएं. इस पानी में पैरों को 10 से 15 मिनट तक डुबोकर रखें. इस दौरान पैरों को हल्का-हल्का मलते रहें। पानी की गर्मी और मालिश से त्वचा के रोम-छिद्र खुल जाते हैं और एप्सम सॉल्ट शरीर के अंदर से यूरिक एसिड को बाहर खींच लेता है. पैरों को पोंछ लें और ढंक दें। इसके बाद हाथ और कोहनी को भी डुबोएं. ध्यान रहे कि पानी गर्म ही रहे. 10 से 15 मिनट बाद हाथों को भी पोंछकर ढंक लें. ताकि पसीना आ जाए. दिन भर में तीन बार इस क्रिया को दोहराएं।
प्रत्येक व्यक्ति को अनुकूल स्वास्थ्य के लिए अपने खाने में ओमेगा-3 फैटी एसिड को शामिल करना चाहिए। इसमें शामिल वसा से भी गठिया के दर्द में फायदा मिलता है। फिश ऑइल में काफी मात्रा में ओमेगा-3 एसिड होता है. इसका सेवन जोड़ों के दर्द और गठिया में लाभकारी होता है।
आप जितना ज्यादा एक्सरसाइज करते हैं आपको उतना फायदा होता है. एक्सरसाइज करने से वजन कम तो होता ही है साथ में जोड़ों के दर्द से भी निजात मिलता है। रोज एक्सरसाइज करने से जोड़ों में फेक्सविलिटी आती है और दर्द की संभावना कम रहती है. आप दौड़ने के अलावा, एरोबिक और तैराकी भी कर सकते हैं।
लहसुन में सूजन कम करने वाले गुण पाए जाते हैं, जो गठिया के लक्षणों को कम करने में मदद करते हैं। कई अध्ययनों में यह पाया गया है कि लहसुन रोग प्रतिरोधक क्षमता को भी बढ़ाने में मददगार होता है। इसके अलावा यह हृदय रोग से भी बचा सकता है।
जोड़ो और गठिए के दर्द में बढ़ा हुआ वजन भी अहम भूमिका निभाता है। हम जानते हैं कि ज्यादा वजन जोड़ों में ज्यादा दवाब देता है और हमारे ज्वॉइन्ट्स में पेन होने लगता है. वजन बढ़ने से खासकर घुटनों, पेरों के तलवों और हिप्स में काफी दर्द होता है। इसलिए, अगर आप जोडो़ं के दर्द से निजात पाना चाहते हैं तो अपना वजन कम करें।