20 नवंबर से गुनगुने जल से स्नान करेंगे रामलला, ओढ़ेंगे रजाई

0 43

 

अयोध्या : सर्दियों की शुरुआत के साथ अयोध्या के श्री राम जन्मभूमि मंदिर में भगवान श्री रामलला के लिए विशेष तैयारी की जा रही है। भारतीय परंपरा के अनुसार, देवताओं का भी मौसम के अनुसार ध्यान रखा जाता है। अब इसी परंपरा के तहत 20 नवंबर (अगहन की पंचमी) से रामलला को रजाई ओढ़ाई जाएगी। श्रीराम जन्मभूमि मंदिर के पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास महाराज ने बताया कि जैसे-जैसे सर्दी बढ़ेगी, प्रभु के स्नान, भोग और वस्त्रों में बदलाव किए जाएंगे, ताकि ठंडक का अहसास न हो। उन्होंने बताया कि जैसे हम अपने परिजनों का बदलते मौसम में ध्‍यान रखते हैं, उसी तरह भगवान श्रीराम की देखभाल होगी। ठंड के आगमन के साथ ही भगवान रामलला की देखभाल में कई बदलाव किए जाएंगे, इसमें गुनगुने जल से स्नान, गर्म भोग और वस्त्र परिवर्तन शामिल हैं।

बता दें कि मंदिर के मुख्य पुजारी पिछले कुछ दिनों से लखनऊ के पीजीआई अस्पताल में स्वास्थ्य लाभ ले रहे थे और अब पूर्ण रूप से स्वस्थ होकर अयोध्या लौट आए हैं। उन्होंने बताया कि जैसे ही सर्दी बढ़ती है, वैसे ही मंदिर में भी रामलला के लिए विशेष इंतजाम किए जाते हैं। अगहन की पंचमी से नियमित रूप से भगवान को रजाई ओढ़ाई जाती है, ताकि प्रभु को ठंड न लगे। साथ ही, गुनगुने पानी का उपयोग स्नान में किया जाने लगता है, जिससे श्रीरामलला को शीत से बचाया जा सके। भोग में भी परिवर्तन किया जाता है। ठंड के दिनों में गरम तासीर वाले खाद्य पदार्थों का भोग लगाया जाता है, ताकि प्रभु को मौसम की अनुकूलता के अनुसार भोजन प्राप्त हो। जैसे ही ठंड बढ़ती है, जरूरत पड़ने पर मंदिर में ब्लोअर भी लगाया जाता है, ताकि वहां का वातावरण ठंड न हो। आचार्य सत्येंद्र दास ने कहा कि भारतीय संस्कृति में देवताओं का ऐसा ध्यान रखना परंपरा का एक अनिवार्य हिस्सा है। यह भावना दर्शाती है कि भक्तजन अपने आराध्य के प्रति कैसी निष्ठा और प्रेम रखते हैं।

नोट: अगर आपको यह खबर पसंद आई तो इसे शेयर करना न भूलें, देश-विदेश से जुड़ी ताजा अपडेट पाने के लिए कृपया Vnation के Facebook पेज को LikeTwitter पर Follow करना न भूलें...
Leave A Reply

Your email address will not be published.