इस्लामिक देशों की बैठक में सऊदी क्राउन प्रिंस ने इजरायल को लताड़ा, तुर्की के राष्ट्रपति भी भड़के

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नई दिल्ली : सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान ने अरब देशों और मुस्लिम नेताओं के एक शिखर सम्मेलन में ईरान को लेकर इजरायल से बड़ी बात कह दी है. सोमवार को सऊदी के रियाद में आयोजित अरब लीग और इस्लामिक सहयोग संगठन (OIC) की संयुक्त बैठक में एमबीएस ने गाजा और लेबनान में इजरायल की कार्रवाई को नरसंहार बताया. साथ ही उन्होंने कहा कि इजरायल ईरान पर हमला करने से बचे और उसकी संप्रभुता का सम्मान करे. मध्य पूर्व के पुराने प्रतिद्वंद्वियों के बीच प्रगाढ़ होते संबंधों की झलक दिखलाते हुए क्राउन प्रिंस ने शिखर सम्मेलन में कहा कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय को इजरायल पर यह जिम्मेदारी डालनी चाहिए कि वह ‘ईरान की संप्रभुता का सम्मान करे और उसकी संप्रभुता का उल्लंघन न करे.’

इजरायल-हमास युद्ध की शुरुआत के बाद से ईरान ने इजरायल पर दो बार हमला किया है जिसका इजरायल ने जवाब भी दिया है. 26 अक्टूबर को इजरायल ने ईरान के सैन्य ठिकानों पर हमला भी किया था. शिखर सम्मेलन में सऊदी क्राउन ने गाजा और लेबनान में चल रहे युद्ध को लेकर तुरंत युद्धविराम का आह्वान किया. शिखर सम्मेलन में एक अलग फिलिस्तीनी राज्य की मांग को फिर से दोहराया गया. शिखर सम्मेलन में अपने शुरुआती भाषण में मोहम्मद बिन सलमान ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय को ‘फिलिस्तीन और लेबनान में हमारे भाइयों के खिलाफ इजरायली कार्रवाई को तुरंत रोकना चाहिए.’ उन्होंने गाजा में इजरायल के अभियान की निंदा करते हुए उसे “नरसंहार” बताया.

एमबीएस ने कहा, ‘सऊदी अरब फिलीस्तीन और लेबनान के भाइयों के खिलाफ इजरायली आक्रमण और उसके विनाशकारी मानवीय परिणामों से उबरने के लिए अपना समर्थन जताता है.’ इजरायल-हमास युद्ध के एक साल से अधिक समय बाद अरब और मुस्लिम नेता रियाद में जमा हुए. इस सम्मेलन को अमेरिका के नव-निर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को संदेश भेजने के अवसर के रूप में देखा जा रहा है.

इससे पहले इजरायल के नए विदेश मंत्री गिदोन सार ने फिलिस्तीन को ‘हमास का देश’ बताते हुए कहा था कि फिलिस्तीनी राज्य की स्थापना करना “यथार्थवादी” नहीं है. सार ने येरुशलम में अरब शिखर सम्मेलन से कुछ घंटे पहले कहा था, ‘मुझे नहीं लगता कि आज यह स्थिति यथार्थवादी है (कि फिलिस्तीनी राज्य की स्थापना होनी चाहिए) और हमें यथार्थवादी होना चाहिए.’

सुन्नी मुस्लिम बहुल सऊदी अरब और शिया बहुल ईरान में अक्सर दुश्मनी देखने को मिली है. पिछले साल ही चीन की मध्यस्थता में दोनों ने अपने रिश्ते सामान्य किए थे. 7 अक्टूबर 2023 को इजरायल पर हमास के हमले और फिर गाजा में इजरायल की कार्रवाई के बाद सऊदी अरब और ईरान ने उच्च स्तरीय संपर्क बनाए रखा है और अब खुद एमबीएस ने इजरायल के खिलाफ ईरान का समर्थन किया है.

शिखर सम्मेलन ने तुर्की के राष्ट्रपति रेचेप तैय्यप एर्दोगन ने गाजा में चल रहे ‘नरसंहार’ के मुद्दे पर मुस्लिम देशों की ओर से प्रतिक्रिया की कमी की आलोचना की और आरोप लगाया कि कुछ पश्चिमी देश पूरी तरह से इजरायल का समर्थन कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि मुस्लिम देशों की विफलता के कारण जमीन पर आज ये हालात बने हैं.

संयुक्त शिखर सम्मेलन में एर्दोगन ने कहा, ‘कुछ पश्चिमी देशों ने इजरायल को सभी प्रकार के सैन्य, राजनीतिक, आर्थिक और नैतिक समर्थन दिया है, जबकि मुस्लिम देशों ने इसका सही से जवाब नहीं दिया है और इसी विफलता के कारण जमीन पर यह स्थिति है.’ उन्होंने जोर देकर कहा, ‘इजरायल का लक्ष्य गाजा में बसना, पूर्वी यरुशलम समेत पश्चिमी तट से फिलिस्तीनियों को हटाना और अंततः इस क्षेत्र को अपने में मिलाना है. इस लक्ष्य की ओर धीरे-धीरे इजरायल आगे बढ़ रहा है और हमें इसे रोकना चाहिए.’

पिछले एक साल से इजरायल और हमास व उसके साथी संगठनों के बीच युद्ध लगातार जारी है. दोनों पक्ष एक दूसरे को नुकसान पहुंचाने के लिए किसी भी एक मौके को खाली नहीं जाने दे रहे हैं. इस जंग की वजह से गाजा पट्टी में काफी लोगों की मौत भी हो चुकी है. विश्व भर से दोनों पक्षों में शांति की अपील की जा रही है लेकिन यह जंग शांत होते हुए नजर नहीं आ रही है.

हमास समर्थित गाजा स्वास्थ्य मंत्रालय का दावा है कि अभी तक इस जंग में सिर्फ गाजा पट्टी में ही 43 हजार से अधिक लोग मारे गए हैं. हालांकि मरने वालों की संख्या की पुष्टि नहीं की जा सकती है. साथ ही यह भी नहीं बताया जा सकता है कि मरने वालों में आम नागरिक और लड़ाकों की संख्या कितनी है. काफी लोग ऐसे हैं जो गायब हैं और उन्हें भी मृत मान लिया गया है.

इजरायल का कहना है कि उनकी ओर से 7 अक्टूबर को युद्ध में लगभग 18 हजार लड़ाकों और इजरायल के अंदर 1 हजार से ज्यादा अन्य आतंकवादियों को मार डाला है. इजरायल का यह भी कहना है कि वह हमेशा से ही आम नागरिकों की मौतों को कम करना चाहता है और इसी बात जोर देता है कि हमास गाजा के नागरिकों को मानव ढाल के रूप में उपयोग करता है. हमास वहां के घरों, अस्पतालों, स्कूलों सहित नागरिक क्षेत्रों से लड़ता है जिससे आम नागरिकों को नुकसान पहुंचता है.

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