नई दिल्ली : हमारे शरीर के अंग हमारी पर्सनैलिटी के बारे में बहुत से राज खोलते हैं. शरीर के अंगों के देखकर इस बात का पता लगाया जा सकता है कि सामने वाला इंसान किस तरह का है. जिस तरह माथा किसी व्यक्ति के पाचन के बारे में सब कुछ बता सकता है, उसी तरह नाखून किसी व्यक्ति के स्वास्थ्य के बारे में बहुत कुछ बता सकते हैं. नॉर्मल हेल्दी नाखूनों का रंग फ्लैश की तरह होता है और सिरे सफेद रंग के होते हैं. नाखून के बदलते रंग और शेप आपकी सेहत के बारे में कई संकेत देते हैं.
उम्र बढ़ने के साथ ही नाखून का शेप चम्मच के आकार का होता जाता है. लेकिन अगर कम उम्र में ही आपके नाखूनों का शेप चम्मच के आकार का हो गया है तो यह इस बात की तरफ इशारा करता है कि आपका शरीर आयरन को सही से पचा नहीं पा रहा है. यह एनीमिया, हेमोक्रोमैटोसिस या प्लमर-विन्सन सिंड्रोम भी हो सकता है. ऐसे में आयरन के लेवल को चेक करने के लिए ब्लड टेस्ट करवाएं.
यदि आपके नाखूनों के नीचे काली या भूरी रंग की लाइन्स बनती हैं, तो यह मेलेनोमा का संकेत हो सकता है- जो एक प्रकार का कैंसर है. यह त्वचा का कैंसर है लेकिन नाखूनों में भी हो सकता है. गहरे रंग के व्यक्तियों में, यह केवल पिगमेंट के जमाव के कारण भी हो सकता है. इसके लिए स्किन के डॉक्टर को दिखाएं.
नाखूनों का पीला रंग फंगल इंफेक्शन की तरफ इशारा करता है. इस तरह के नाखून थायराइड या डायबिटीज का संकेत देते हैं. येलो नेल सिंड्रोम (YNS) नामक एक दुर्लभ बीमारी उन लोगों में पाई जाती हैं जिन्हे फेफड़ों से जुड़ी कोई समस्या होती है या फिर जिनके हाथ-पैरों में अक्सर सूजन रहती है. हालांकि विटामिन E की मदद से ये बीमारी अक्सर दूर हो जाती है.
आपके नाखूनों के रंग के आधार पर आपकी सेहत की स्थिति का पता लगाया जा सकता है. नीले नाखून ऑक्सीजन की कमी या विषाक्तता का संकेत देते हैं. दूसरी ओर, हरे रंग के नाखून पैरोनीचिया नामक जीवाणु संक्रमण के कारण होते हैं.
नाखूनों का बार-बार टूटना उनके कमजोर होने का संकेत देता है. नाखूनों की यह स्थिति बताती है कि आपके शरीर में जरूरी पोषक तत्वों की कमी हो रही है. जब नाखून तिरछे ढंग से टूटते हैं तो इसे ओनिकोस्चिजिया कहते हैं. वहीं नाखून जब बढ़ने वाली दिशा में ही टूटते हैं तो इसे ओनीकोरहेक्सिस कहते हैं.
नाखून के रंग का हल्का पड़ा जाना उम्र बढ़ने का सामान्य संकेत है. हालांकि, कुछ मामलों में, फीके नाखून किसी ना किसी बीमारी का भी संकेत देते हैं. जैसे की शरीर में खून की कमी होना, कुपोषण, लिवर की बीमारी या फिर हार्ट फेलियर. ऐसे में अपने डॉक्टर को जरूर दिखाएं.