जी-20 शिखर सम्मेलन के बाद PM मोदी जाएंगे गुयाना, 1968 के बाद किसी भारतीय प्रधानमंत्री की पहली यात्रा
रियो डी जेनेरियो: जहां एक तरफ प्रधानमंत्री मोदी तीन देशों की अपनी यात्रा के दूसरे चरण में बीते सोमवार को ब्राजील पहुंचे, जहां उन्होने जी-20 शिखर सम्मेलन में भी हिस्सा लिया। वहीं अपनी यात्रा के तीसरे और अंतिम चरण में PM मोदी राष्ट्रपति मोहम्मद इरफान अली के निमंत्रण पर आज यानी 19 से 21 नवंबर तक गुयाना की यात्रा करेंगे।
आज ब्राजील में PM मोदी ने ‘ट्रोइका’ के सदस्य के रूप में 19वें जी-20 शिखर सम्मेलन में भाग लिया । बता दें कि, भारत ब्राजील और दक्षिण अफ्रीका के साथ जी-20 ‘ट्रोइका’ का हिस्सा है।‘ट्रोइका’ में वर्तमान, पूर्ववर्ती और अगले जी-20 अध्यक्ष शामिल होते हैं और तीनों सदस्य जी-20 शिखर सम्मेलन की तैयारी में एक दूसरे के साथ सहयोग करते हैं। PM मोदी के साथ चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग और अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन भी 1 रियो डी जेनेरियो शिखर सम्मेलन में भाग लेने वाले नेताओं में शामिल रहे हैं।
जानकारी दें कि यह 50 से अधिक वर्षों में किसी भारतीय प्रधानमंत्री की गुयाना की पहली यात्रा होगी। इस बाबत PM मोदी ने बीते शनिवार को नाइजीरिया से प्रस्थान के समय अपने वक्तव्य में कहा, ‘‘इस वर्ष, ब्राजील ने भारत की विरासत को आगे बढ़ाया है। मैं ‘एक पृथ्वी, एक परिवार, एक भविष्य’ के हमारे दृष्टिकोण को ध्यान में रखते हुए सार्थक चर्चाओं की आशा करता हूं। मैं इस अवसर पर कई अन्य नेताओं के साथ द्विपक्षीय सहयोग को आगे बढ़ाने पर विचारों का आदान-प्रदान भी करूंगा।”
वहीं PM मोदी की निर्धारित यात्रा पर, गुयाना के सहकारी गणराज्य में भारत के उच्चायुक्त, डॉ। अमित एस। तेलंग कहते हैं, यात्रा का महत्व इस तथ्य में निहित है कि हमारे दोनों देशों के बीच पारंपरिक रूप से बहुत गर्मजोशीपूर्ण और मैं कहूंगा कि ऐतिहासिक संबंध रहे हैं। और यह यात्रा लगभग पांच दशकों या सटीक रूप से 56 वर्षों के बाद हो रही है, यह गहरी दोस्ती, आपसी विश्वास और उस तरह के सहयोग का प्रतीक है जो हमारे दोनों देशों ने वर्षों से अनुभव किया है। कुछ महत्वपूर्ण हमारे दोनों देशों के बीच सहयोग के क्षेत्र कृषि, फार्मास्यूटिकल्स, तेल और गैस और सामान्य रूप से ऊर्जा क्षेत्र होंगे, जिसमें नवीकरणीय ऊर्जा के साथ-साथ सूचना और संचार, प्रौद्योगिकी और शिक्षा भी शामिल है।