मुंबई: सीबीआई ने बुधवार को महाराष्ट्र में 6,600 करोड़ रुपये के कथित ‘बिटकॉइन घोटाले’ की जांच शुरू कर दी है। शुरुआती जांच में घाटाले में शामिल मुख्य आरोपी के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। इसके साथ ही इस मामले में एक अन्य आरोपी को पूछताछ के लिए बुलाया है।
जानकारी के अनुसार यह जांच सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद शुरू हुई। एफआईआर में मुख्य आरोपी अमित भारद्वाज और अजय भारद्वाज का नाम है। अमित की पहले दिल का दौरा पड़ने से मौत हो चुकी है, जबकि अजय अब भी फरार है और उसकी तलाश जारी है।
CBI ने शुरू की जांच
इस मामले में सीबीआई ने मामले में आरोपी गौरव मेहता को भी तलब किया और उसे जल्द से जल्द जांच अधिकारी के सामने पेश होने को कहा है। बता दें कि पहले ईडी ने आरोप लगाया था कि भारद्वाज बंधुओं ने निवेशकों को धोखा दिया और इसके आधार पर दिल्ली, पुणे और कुछ अन्य जगहों पर एफआईआर दर्ज की थी। इसके बाद सीबीआई की जांच शुरू हुई।
कैसे सामने आया विवाद?
सबसे पहले भारतीय पुलिस सेवा के पूर्व अधिकारी यानी आईपीएस रवींद्रनाथ पाटिल ने सुप्रिया और पटोले पर गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि सुप्रिया और पटोले ने 2018 के क्रिप्टोकरेंसी धोखाधड़ी मामले से बिटकॉइन का दुरुपयोग किया और इसका इस्तेमाल महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में किया। उन्होंने आरोप लगाया कि तत्कालीन पुणे पुलिस आयुक्त अमिताभ गुप्ता के साथ साइबर अपराध कीं जांच संभाल रहे उस समय के पुलिस उपायुक्त भाग्यश्री नौटके भी इस घोटाले में शामिल हैं।
बीजेपी ने जारी किए ऑडियो
पाटिल के आरोपों के बाद भाजपा ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की, जिसमें प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी ने एक डीलर, अमिताभ गुप्ता, सुप्रिया और पटोले के बीच हुई बातचीत का कथित ऑडियो शेयर किया। सुधांशु ने व्हाट्सएप चैट के स्क्रीनशॉट शेयर किए और सुप्रिया और पटोले पर बिटकॉइन के जरिए 235 करोड़ रुपये की हेराफेरी का आरोप लगाया। हालांकि, सुप्रिया ने पूर्व आईएएस के आरोपों को बेबुनियाद बताते हुए चुनाव आयोग और साइबर क्राइम से शिकायत की है।