महाराष्ट्र में महायुति की जीत अडाणी के लिए बड़ी राहत, धारावी प्रोजेक्ट को मिल सकता है रफ्तार

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नई दिल्ली: महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के नतीजे शनिवार को घोषित किए गए, जिसमें महायुति गठबंधन को बड़ी जीत मिली है। राज्य की सत्ताधारी पार्टी को दोबारा सत्ता में लौटने से सोमवार को शेयर बाजार पर असर देखने को मिलेगा। वहीं, मशहूर कारोबारी गौतम अडाणी की नेतृत्व वाली अडाणी ग्रुप के लिए भी ये चुनावी नतीजे काफी फायदेमंद होने वाले हैं। दरअसल, इसका मतलब मुंबई में 3 अरब डॉलर की धारावी पुनर्विकास परियोजना से है। महाराष्ट्र में बीजेपी समर्थित सरकार बनने से धारावी इलाके को अब एक आधुनिक और विश्वस्तरीय शहर में बदलने की योजना को पूरा समर्थन मिल सकता है। बता दें कि धारावी एशिया का सबसे बड़ा स्लम इलाका है।

महाराष्ट्र में भाजपा-शिवसेना गठबंधन की सरकार बनने के बाद इस परियोजना के भविष्य को लेकर चिंता कम हुई है। विपक्षी पार्टी, खासकर उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना (यूबीटी) ने वादा किया था कि अगर राज्य में उनकी सरकार बनती है तो अडाणी ग्रुप को दी गई सारी जमीन वापस ली जाएगी और इस प्रोजेक्ट को कैंसिल कर दिया जाएगा। लेकिन अब इस जीत के बाद अडाणी के लिए राहत लेकर आई है।

अडाणी के लिए खास है यह प्रोजेक्ट
बता दें कि मुंबई के धारावी का पुनर्विकास अडाणी ग्रूप के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण माना जाता है। इस प्रोजेक्ट के जरिए 620 एकड़ की ज़मीन को शहरी केंद्र में बदलने की प्लानिंग है। मुंबई के इंटरनेशनल एयरपोर्ट के पास स्थित इस इलाके में लगभग सात लाख से अधिक लोगों को 350 वर्ग फुट के फ्लैट फ्री में दिए जाएंगे। यह फ्लैट उन लोगों के लिए बेहद अहम होंगे, जो आज भी जर्जर झुग्गियों में खुले सीवर और शौचालयों के अभाव में जीवन जिने को मजबूर हैं।

राहुल गांधी ने उठाए सवाल
मुंबई के धारावी प्रोजेक्ट को लेकर विपक्षी दलों ने लगातार सवाल उठा रहे हैं। उनका आरोप है कि अडाणी ग्रुप को सरकारी फंड के जरिए गलत तरीके से फायदा पहुंचाया जा रहा है। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने इस मुद्दे को उठाते हुए कहा कि भारतीय जनता पार्टी और प्रधानमंत्री मोदी अपने करीबी मित्र अडाणी को लाभ पहुंचा रहे हैं। हालांकि सत्तारूढ़ दल के नेताओं का कहना है कि यह प्रोजेक्ट झुग्गी पुनर्विकास का एक ग्लोबल मॉडल बनने जा रही है।

बता दें कि धारावी में लगभग 10 लाख लोग रहते हैं, लेकिन इस परियोजना के तहत 7 लाख लोगों को प्राथमिकता दी जाएगी। बाकी लोगों को शहर के अन्य हिस्सों में पुनर्वासित किया जाएगा। कुछ स्थानीय लोग इस योजना का विरोध भी कर रहे हैं, क्योंकि उनका मानना है कि इससे उनकी जमीन और कारोबार पर असर पड़ सकता है।

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