संभल: संभल में बवाल के बाद 1 दिसंबर तक बहारी व्यक्ति के संभल में प्रवेश पर रोक लगा दी गई है। यह रोक बाहरी व्यक्ति, सामाजिक संगठन और जनप्रतिनिधि के प्रवेश पर लगाई गई है। अति संवेदनशील स्थिति को देखते हुए प्रशासन ने यह कदम उठाया है। उत्तर प्रदेश में रविवार 24 नवंबर की सुबह जामा मस्जिद के सर्वे के दौरान हिंसा भड़क गई, जिसमें तीन लोगों की मौत हो गई और 15 से अधिक पुलिसकर्मी घायल हो गए। हिंसा के दौरान पुलिस पर पथराव और फायरिंग की गई, जिससे माहौल काफी तनावपूर्ण हो गया है।
इंटरनेट बंद
हिंसा के बाद इलाके में सुरक्षा बढ़ा दी गई है और अगले 24 घंटों के लिए इंटरनेट सेवा बंद कर दी गई है। जामा मस्जिद जाने वाले सभी रास्तों पर बैरिकेडिंग की गई है। इसके अलावा, मुरादाबाद से अतिरिक्त पीएसी को संभल भेजा गया है। पुलिस ने इस मामले में कई आरोपियों को गिरफ्तार किया है, जिनमें तीन महिलाएं भी शामिल हैं।
कैसे हुई हिंसा
रविवार सुबह लगभग 6.30 बजे एक सर्वे टीम शाही जामा मस्जिद का सर्वे करने पहुंची थी। सर्वे के दौरान स्थानीय लोगों ने सुरक्षा बलों पर पथराव शुरू कर दिया। इस दौरान पुलिस पर हमला किया गया और कई वाहन जलाए गए। उपद्रवियों ने तीन कारों और आठ बाइकों को आग के हवाले कर दिया। पुलिस ने स्थिति को नियंत्रित करने के लिए आंसू गैस और प्लास्टिक की गोलियों का इस्तेमाल किया। इसके बावजूद हमलावरों ने गोलीबारी भी की, जिसमें सीओ अनुज चौधरी और एसपी के पीआरओ के पैर में गोली लगी, जबकि 15 अन्य पुलिसकर्मी घायल हो गए। इनमें से एक सिपाही की हालत गंभीर बनी हुई है।
मृतकों के परिजनों का दावा, पुलिस के गोली से हुई है मौत
संभल हिंसा में मृतकों के परिजनों का दावा है कि पुलिस की गोली से उनकी मौत हुई है, जबकि मुरादाबाद मंडल आयुक्त अंजनेय कुमार सिंह का कहना है कि पुलिस फायरिंग में किसी की मौत नहीं हुई। उनका कहना था कि हमलावरों ने जानबूझकर सर्वे टीम को निशाना बनाने की कोशिश की और 12-14 साल के बच्चों और महिलाओं को आगे किया। आयुक्त ने मृतकों की पहचान सरायतरीन के नोमान, हयातनगर के बिलाल और कोट गर्वी के नईम के रूप में की।